मंगल दोष का परिचय मंगल दोष को बहुत भयावह ज्योतिषीय पीड़ा के रूप में देखा जाता है। यह विवाह प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद कुंडली मिलाते समय सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक होता है जिसके प्रति लोग चिंतित रहते हैं| ‘मंगल’ मंगल ग्रह का संस्कृत नाम है तथा ‘दोष’ का मतलब पीड़ा है| इस […]
अधिक पढ़ें →पूर्णिमा व्रत परिचय- प्रत्येक मास के शुक्लपक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा का व्रत करने का शास्त्रादेश है| हिन्दू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा शुक्लपक्ष की अंतिम 15वीं तिथि होती है| इस दिन चंद्रमा आकाश में पूर्ण रूप से दिखाई देता है| इस दिन का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व हैं। इस तिथि पर चन्द्रमा पक्षबली […]
अधिक पढ़ें →गणेश शब्द की परिभाषा व गणेश जी का परिचय- गणेश शब्द ग, ण तथा ईश शब्द से मिलकर बना है| ग शब्द ज्ञानार्थ वाचक है| ज्ञान से बुद्धि की वृद्धि होती है| ण शब्द निर्वाण वाचक है| अंतिम शब्द ईश स्वामी वाचक है| इस प्रकार संपूर्ण गणेश शब्द का अर्थ हुआ- ज्ञान-बुद्धि तथा निर्वाण के […]
अधिक पढ़ें →भारतीय संस्कृति में गणेश जी को विद्या-बुद्धि का प्रदाता, विघ्न-विनाशक, मंगलकारी, रक्षाकारक, सिद्धिदायक, समृद्धि, शक्ति और सम्मान प्रदायक माना गया है| गणेश जी अपने भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं और उन्हें कष्टों से मुक्त करके सभी प्रकार का वैभव प्रदान करते हैं| इस बारे में शास्त्रों में भी कहा गया है कि […]
अधिक पढ़ें →गणेश जी की पूजा के बिना कोई भी लौकिक अथवा शुभ कार्य का प्रारंभ नही होता है| अपने जीवन में जब हम किसी भी कार्य को प्रारंभ करते हैं तब भगवान श्री गणेश जी का ध्यान अवश्य करते हैं| हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी व्यक्ति इस सत्य को स्वीकार करते हैं कि श्री गणेश […]
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