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प्रदोष व्रत का महत्व

प्रदोष व्रत का परिचय– प्रदोष व्रत एक सर्वकार्य सिद्धि व पापनाशक व्रत है| प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत किया जाता है| प्रदोष का सामान्य अर्थ रात का शुभारंभ माना जाता है अर्थात जब सूर्यास्त हो चुकने के बाद संध्याकाल आता है, तो रात्रि के प्रारंभ होने के पूर्व काल को प्रदोषकाल कहते […]

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शनिदेव को प्रसन्न कैसे करें?

शनि परिचय- पौराणिक कथाओं के अनुसार शनिदेव का जन्म सूर्य की पत्नी छाया के गर्भ से हुआ है। कहते हैं कि इनके जन्म के समय जब इनकी दृष्टि अपने पिता सूर्य पर पड़ी तो उन्हें कुष्ठ रोग हो गया तथा उनके सारथी अरुण पंगु हो गए थे। शनि के भाई का नाम यम तथा बहन […]

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अक्षय तृतीया पर दान करने योग्य दस वस्तुएँ

‘अक्षय’ शब्द का अर्थ है- जिसका कभी क्षय अथवा नाश न हो। इस पर्व पर किया हुआ जप, तप, तथा दान अक्षय फल देने वाला होता है इसलिए इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं। सोमवार तथा रोहिणी नक्षत्र से युक्त तृतीया हो तो उसमें स्नान और उपवास करने से अखंड फल की प्राप्ति होती है। एक […]

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अक्षय तृतीया कब मनाई जाती है

अक्षय तृतीया की परिभाषा- वैशाख शुक्ल तृतीया को अक्षय तृतीया कहते हैं। यह सनातनधर्मियों का प्रधान त्यौहार है। इस दिन किया हुआ जप, तप, यज्ञ व दान अक्षय फलदायक होता है इसलिए इस पर्व को अक्षय तृतीया या आखा तीज के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष अक्षय तृतीया 2017 में 28 अप्रैल को […]

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क्यों मनाई जाती है नवरात्रि

नवरात्रि का महत्व- नवरात्रि शब्‍द संस्‍कृत भाषा के दो शब्‍दों ‘नव’ व ‘रात्रि’ से मिलकर बना है। भारतीय संस्‍कृति के अनुसार “दुर्गा” शब्द  का अर्थ जीवन से दुखों को मिटाने वाली यानि दुर्गति का शमन करने वाली देवी से है। नवरात्रि, मां दुर्गा को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व है। इसे समस्त भारतवर्ष में अत्‍यधिक उत्साह […]

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