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गंड मूल दोष

गंड मूल दोष

हमारे जन्म के समय की ग्रह स्थिति का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। जन्म में समय ग्रहों की इसी स्थिति को कुंडली में रेखांकित किया जाता है। इस कुंडली में हम जन्म कुंडली के नाम से जानते हैं। जन्म कुंडली में हमारे ग्रहों की स्थिति तीन तरह से हमारे जीवन को प्रभावित करती है इनमें सकारात्मक, नकारात्मक और तटस्थ हालांकि वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की सकारात्मक और नकारात्मक स्थितियों को ही मुख्य माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यही दो परिस्थितियां है जो हमारे जीवन को किसी तरह प्रभावित कर सकती हैं। इस आधार पर कुंडली में बनने वाले ग्रहों की अच्छी स्थिति को योग और बुरी स्थिति को दोष के नाम से जाना जाता है। आज हम एक ऐसे दोष के बारे में जानेंगे जो हमारे जन्म के चंद्रमा की खराब स्थिति के कारण बनता है। आइए गंड मूल दोष के बारे में विस्तार से जानें।

गंड मूल दोष क्या है?

गंड मूल दोष तब होता है जब जातक के जन्म के समय चंद्रमा किसी भी गंड मूल नक्षत्र में मौजूद होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुल छह नक्षत्रों को गंड मूल नक्षत्र माना गया है। जब किसी के जन्म के समय चंद्रमा इन छह नक्षत्रों में से किसी एक में होता है तो यह स्थिति गंड मूल दोष का निर्माण करती है। वैदिक ज्योतिष में गंड मूल नक्षत्र को एक बेहद अशुभ दोष माना गया है। यह दोष तब और भी खतरनाक हो जाता है जब जन्म कुंडली के अन्य ग्रह अशुभ हो।

गंड मूल दोष

कुंडली में गंडमूल दोष कैसे देखें

गंड मूल नक्षत्रों पर बुध और केतु ग्रह का शासन होता है। गंड मूल नक्षत्रों में अश्विनी, अश्लेषा, मघा, रेवती, ज्येष्ठा और मूल नक्षत्र शामिल हैं, जिन्हें सामूहिक रूप से गंड मूल नक्षत्र कहा जाता है।

चंद्रमा को एक नक्षत्र में गोचर करने में लगभग एक दिन का समय लगता है। जैसे ही चंद्रमा एक नक्षत्र से दूसरे नक्षत्र में गोचर करेगा, एक बिंदु पर चंद्रमा आंशिक रूप से दोनों ही नक्षत्रों में मौजूद होगा। जन्म के समय जन्म कुंडली में यदि चंद्रमा इनमें से किसी भी नक्षत्र के चार चरणों में स्थित है, तो कुंडली में गंड मूल दोष मौजूद होगा।

गंड मूल दोष के प्रभाव और लक्षण

गंड मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक को गंभीर समस्याएं हो सकती है। इस दोष के कारण व्यक्ति के परिजन अर्थात उनके माता-पिता, भाई-बहन और रिश्तेदार भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे जातक परिवार में समस्याएं पैदा कर सकते हैं और जीवन में एक निश्चित बिंदु पर गंभीर बाधाओं का सामना कर सकते हैं। नीचे यह बताया गया है कि गंड मूल दोष कैसे प्रभावित कर सकता है।

  • रिश्तेदारों और माता-पिता दोनों के परिवारों के लिए खतरा।
  • घरेलू पशुओं और मवेशियों के लिए खतरा।
  • धन की हानि।
  • परिवार को भारी कष्ट।

गंड मूल दोष के उपाय

गंड मूल दोष की शांति इस दोष के बुरे प्रभावों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। लेकिन यदि आप किसी कारण से यह नहीं कर सकते तो आपको नीचे दिए गए गंड मूल दोष के उपाय का उपयोग करना चाहिए।

  • यदि चंद्रमा बुध नक्षत्र में हो तो बुध और चंद्रमा के मंत्र का जाप करें। चंद्रमा का मंत्र है श्री सोमाय नमः जिसका 108 बार जाप करना है, और बुध का मंत्र ओम श्री बुधाय नमः और ॐ बम बुधाय नमः का 108 बार जाप करना है।
  • यदि चन्द्रमा केतु नक्षत्र में हो तो केतु और चन्द्रमा के मंत्र का जाप करें।
  • सोमवार या बुधवार के दिन यदि चंद्रमा बुध के नक्षत्र में हो तो हरे रंग के कपड़े पहनें
  • यदि चंद्रमा केतु नक्षत्र में हो तो सोमवार और बुधवार को भूरे रंग के वस्त्र पहनें।
  • पालक का अधिक सेवन करें और हो सके तो सोमवार के दिन गौशाला में गायों को पालक और घास खिलाएं।
  • यदि चंद्रमा केतु नक्षत्र में हो तो सुख की खोज करने से बचें और बुधवार और सोमवार की आध्यात्मिक गतिविधियों पर ध्यान दें।
  • यदि चंद्रमा गंड मूल में हो तो प्रतिदिन गणेश जी के मंत्र ओम गं गणपतये नमः का 108 बार जाप करें।

एस्ट्रोवेद के दोष उपचारात्मक पूजा अनुष्ठान

हमारे विशेषज्ञ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा आपकी निजी कुंडली का गहन विश्लेषण कर ग्रह, उनकी स्थिति और दषा महादशा के आधार पर अनूठे व्यक्तिगत उपाय सुझाए जाते हैं। इन उपायों में यज्ञ व हवन शालाओं सहित कई तरह के अनुष्ठान और पूजाएं शामिल है। उपरोक्त पूजा अनुष्ठान और हवन यज्ञों के लिए आपकी कुंडली के आधार पर ही विशेष समय का चयन किया जाता है, जिससे आपके जीवन को प्रभावित करने वाले दोषों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिल सके।