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अमावस्या दोष

अमावस्या दोष के उपाय आगे जानें।

कई बार हम अपने आप को अपने जीवन में कुछ अप्रत्याशित मोड़ का सामना करते हुए पाते हैं। उनमें हम पर प्रतिकूल प्रभाव डालने और हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त करने की क्षमता हो सकती है। कई बार इन परिस्थितियों का संबंध ब्रह्मांडीय पिंडों के साथ निकटता से जुड़ा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रह हमारे जीवन को आकार देने में प्राथमिक भूमिका निभाते हैं। यही कारण है कि जन्म कुंडली में हमारे जन्म के समय की ग्रह स्थितियां दर्षायी जाती है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली में दोष जन्म ग्रहों कि प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण होता हैं। दोष का निर्माण कुंडली के किसी भी घर में हो सकता है और इसके कारण कुंडली में बनने वाले सकारात्मक अच्छे योग भी प्रभावित होते हैं।

अमावस्या दोष क्या है?

जन्म कुंडली में चंद्रमा के साथ सूर्य, अमावस्या दोष का कारण बनता है। चंद्रमा सूर्य के प्रभाव में अपनी ताकत खो देता है और अमावस्या के दौरान कमजोर रहता है। अमावस्या की तिथि को दोष में गिना जाता है इसलिए इस दोष के कारण चंद्रमा अपना प्रभाव खो देता है। इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को चंद्रमा के अच्छे प्रभावों का लाभ नहीं मिलता और वह कुंडली में बनने वाले अन्य सकारात्मक प्रभावों को भी खे देता है।

चांडाल दोष

अमावस्या दोष कैसे देखें

जब सूर्य जन्म कुंडली में चंद्रमा के साथ एक ही घर में मौजूद होता है, तो यह अमावस्या दोष कहलाता है। अमावस्या तिथि दोष के अंतर्गत आती है। अमावस्या की तिथि एक वैदिक चंद्र दिवस है जिसकी गणना पूर्णिमा या अमावस्या से की जाती है। चंद्रमास के प्रत्येक दिन चंद्रमा सूर्य से 12 डिग्री दूर या पास होता है।

अमावस्या जैसी तिथि में जन्मे जातक की कुंडली में अमावस्या दोष होता है, जिसे अशुभ माना जाता है, क्योंकि अमावस्या की तिथि पर राहु शासन करता है।

अमावस्या दोष के लक्षण या प्रभाव

जन्म कुंडली में अमावस्या दोष के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह की बाधाएं और परेषानियों का सामना करना पड़ सकता है। नीचे अमावस्या दोष के नुकसान बताए गए है।

  • माता के साथ संबंध अच्छे नहीं खराब हो सकते हैं।
  • जातक माता के आशीर्वाद से वंचित रह सकता है।
  • जातक और परिवार पर कई विपत्तियां आ सकती हैं।
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  • करियर में बाधाएं आ सकती हैं।

अमावस्या दोष के उपाय

हमारा अपने जन्म के समय के ग्रह नक्षत्रों पर तो कोई नियंत्रण नहीं है लेकिन हम इनकी स्थिति से बनने वाले दोष और बुरी परिस्थितियों से बचने के लिए वैदिक ज्योतिष के कुछ उपायों का उपयोग कर सकते हैं। नीचे अमावस्या दोष के उपाय बताए गए है।

  • प्रत्येक अमावस्या के दिन पूर्वजों के लिए तर्पण करें।
  • अपने बड़ों का, विशेषकर माता-पिता का अनादर न करें।
  • अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को चावल, गुड़, दूध जैसी खाद्य सामग्री का दान करें।
  • देवी काली की पूजा करें क्योंकि वह अमावस्या दोष के लिए पूजा की जाने वाली मुख्य देव हैं।
  • शिव की पूजा करें और सोमवार को ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें क्योंकि शिव चंद्रमा पर शासन करते हैं।
  • अमावस्या के दिन शाकाहारी भोजन ग्रहण करें।
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हमारे विशेषज्ञ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा आपकी निजी कुंडली का गहन विश्लेषण कर ग्रह, उनकी स्थिति और दषा महादशा के आधार पर अनूठे व्यक्तिगत उपाय सुझाए जाते हैं। इन उपायों में यज्ञ व हवन शालाओं सहित कई तरह के अनुष्ठान और पूजाएं शामिल है। उपरोक्त पूजा अनुष्ठान और हवन यज्ञों के लिए आपकी कुंडली के आधार पर ही विशेष समय का चयन किया जाता है, जिससे आपके जीवन को प्रभावित करने वाले दोषों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिल सके।