भारतीय ज्योतिष की अनेक शाखाएं हैं। उन शाखाओं में से नाड़ी ज्योतिष भी एक अत्यंत प्राचीन विद्या है। ऐसी मान्यता है कि इससे व्यक्ति के भूत, वर्तमान व भविष्यकाल की गणना व भविष्यकथन सटीकता से किया जा सकता है। जी हाँ नाड़ी ज्योतिष प्राचीन ज्योतिष का एक ऐसा अंग है, जिसके माध्यम से आप अपने जीवन की परेशानियों को चमत्कारिक रूप से हल कर सकते हैं। यह अद्भुत व उत्तम विज्ञान आपकी आत्मा की यात्रा पर प्रकाश डालने का काम करता है। इस शास्त्र के द्वारा आप अपने भूत, वर्तमान व भविष्यकाल को सरलता से जान पाएंगे। साथ ही इस विज्ञान की मदद से आप अपनी समस्याओं को आसानी से सुलझा सकते हैं। नाड़ी एस्ट्रोलॉजी, जिसे नाड़ी ज्योतिष भी कहा जाता है, प्रकाश विज्ञान के माध्यम से आपके जीवन के रहस्यों की ख़ोज करता है। इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक बात यह है कि नाड़ी अँगूठे की छाप व ध्वनि विज्ञान पर आधारित शास्त्र है। इस विधा के द्वारा जो दिव्य भविष्यकथन किया जाता है, उसका आधार प्राचीन व पवित्र ताड़पत्रों पर लिखे गए अभिलेख हैं,जिनके सामूहिक रूप को “नाड़ी” कहा जाता है। नाड़ी ज्योतिष भारत के महान ऋषियों के चिंतन से उत्पन्न हुई विद्या है। प्राचीन काल में ऋषियों ने यह ज्ञान मानव जाति के लिए प्रकट किया। वे भविष्यद्रष्टा थे और तपोबल से भविष्य को देखने की क्षमता रखते थे। हमारे इन महान मनोवैज्ञानिक ऋषियों ने ध्यान, ध्वनि-तरंग व अन्य गूढ़ साधनाओं द्वारा अपनी अंतर्प्रज्ञा व चेतना को अत्यंत विकसित कर लिए था। इन्ही ध्यान साधनाओं व दिव्य ज्ञान के फलस्वरूप वे सभी आत्माओं का भूत, वर्तमान व भविष्यकाल देखने में सक्षम हो गए थे। अपनी दिव्यदृष्टि से उन्हें पता चल गया था कि आधुनिक काल में कठिनाइयाँ प्रबल रहेंगी। प्राणिमात्र के प्रति दया भाव से भरे इन उन्नत व श्रेष्ठ ऋषि-मुनियों ने मनुष्यों को अपना भविष्य बदलने व आत्मा को विकसित करने का मार्ग दिखाया। हमारे ऋषि-मुनियों ने मनुष्य आत्माओं से जुड़ी सभी जानकारियों को पहले से ही लिखकर रख दिया था।
प्राचीन समय में ज्ञान व सूचनाएं केवल मुख द्वारा प्रदान की जाती थी। लिखित शब्दों द्वारा ज्ञान बाँटने का सिलसिला उसके 3000 वर्ष बाद प्रारंभ हुआ। अर्थात जब प्राचीन लेखकों ने भारतीय साहित्य, वैज्ञानिकता व अध्यात्म से भरी कई हज़ार वर्ष पुरानी ज्योतिषीय विरासत आदि का लिखित ब्यौरा रखना शुरू किया। सूचनाओं को लिखने व एकत्रित करने के लिए ग्रेनाइट के कड़े पत्थर, पतली ताम्र पट्टीयां व वृक्षों की छाल आदि कुछ माध्यमों का प्रयोग किया जाता था। परंतु नाड़ी ज्योतिष की सूचनाओं को एकत्रित करने के लिए ताड़पत्रों का प्रयोग होता था। ऋषियों ने ख़ास औजारों व लेखनी की मदद से हमारे जीवन से जुड़ी प्रत्येक कहानी को इन ताड़पत्रों में सावधानी पूर्वक लिपिबद्ध कर दिया था। यह सब कुछ हाथ द्वारा ताड़पत्रों को बिना नुकसान पहुँचाए किया जाता था। यह लेखन शब्दों के बीच बिना अंतर दिए हुए लगातार चलता था। यही कारण है कि क्यों ताड़पत्रों के पठन के लिए ख़ास अभ्यास के साथ-साथ प्राचीन तमिल व संस्कृत भाषा के ज्ञान की ज़रूरत भी पड़ती है। जब ताड़पत्रों पर शब्दों की नक्काशी का काम पूर्ण हो जाता था, तो उसके बाद इन ताड़पत्रों पर दीपक की कालिख़ या हल्दी का लेपन किया जाता था। ताकि ख़ुदा हुआ लेखन अधिक स्पष्ट और पढ़ने योग्य हो जाए। इसके साथ ही इन ताड़पत्रों पर तेल का लेपन भी किया जाता था ताकि इन्हें अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सके। इसके उपरांत एक ही अँगुष्ठ छाप वाले ताड़पत्रों के समूहों को लकड़ी की दो पट्टियों के बीच रखकर रस्सी से बाँधकर रख दिया जाता था।
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नाड़ी ज्योतिष की सबसे बड़ी अहमियत यह है कि ये आपके पूर्वजन्म से आपके वर्तमान जन्म के संबंधों के संपर्क को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। इसकी एक और सबसे बड़ी उपयोगिता यह है कि ये आपके पूर्वजन्म के अवशिष्ट कर्मों को बदलने का मार्ग भी प्रदान करती है। आपका भूतकाल वास्तव में आपकी परेशानी का सबब बन सकता है। ऋषियों ने आपसे संबंधित नाड़ी ताड़पत्र पर न केवल आपका आत्मिक मानचित्र लिखा, बल्कि आपको सही मार्ग पर चलने के लिए उन्होंने कई उपाय भी सुझाए। प्रायः ज्यादातर ये उपाय सरल पूजा व प्रसाद आदि चढ़ाने से जुड़े हुए हैं। हम सब ऊर्जावान प्राणी हैं। ये उपाय कर्म से जुड़ी हुई ऊर्जाओं पर काम करके उन्हें दुरुस्त करने का काम करते हैं। बताए गए इन उपायों को करके आप अपने अवशिष्ट पूर्व कर्मों को ठीक कर उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हो सकते हैं।
आपका परिवार आपके आत्मा समूह का हिस्सा है। कुछ निश्चित पारिवारिक कर्म आपको अपने पूर्वजों से विरासत में प्राप्त होते हैं। इन निश्चित पारिवारिक कर्मों की पहचान करके उपाय किए जा सकते हैं। आपके व पारिवारिक सदस्यों से जुड़े कर्मों में सुधार करके पूरे परिवार व आने वाली पीढ़ी को निश्चित तौर पर लाभान्वित किया जा सकेगा।
दसवीं व तेरहवीं शताब्दी में दक्षिण भारत में नाड़ी ताड़पत्रों को चोला राजवशों द्वारा सुरक्षित रखा गया था। तंजौर के राजा, महाराजा सरफोजी द्वितीय, जो कि कला व विज्ञान के एक सच्चे संरक्षक थे, ने इन ताड़पत्रों को अपने भवन के पुस्तकालय में सुरक्षित रखा। जब भी आवश्यक होता वे अपने लेखकों को ताज़े व नए ताड़पत्रों पर मूल व कीमती पाँडुलिपियों से प्रतिलिपि बनाने की अनुमति देते थे। यह एक ऐसी प्रक्रिया थी, जिसमे प्राचीन तमिल भाषा का प्रयोग अनुवाद में किया जाता था।
मुग़ल व अंग्रेजों के आक्रमण के कारण अनेक नाड़ी ताड़पत्र नष्ट हो गए। कुछ ताड़पत्रों को मुगलों द्वारा जला दिया गया जबकि कई ताड़पत्रों को अंग्रेजों ने अपने पास रखकर भारत में ही कुछ परिवारों को बेच दिया।
आज नाड़ी ज्योतिष का प्रमुख केंद्र दक्षिण भारत का एक प्रसिद्द मंदिर है। फिर भी वहां मौजूद प्रत्येक नाड़ी पत्र न तो प्रामाणिक है और न ही प्रत्येक नाड़ी ज्योतिषी इन नाड़ी पत्रों के माध्यम से व्यापक भविष्य कथन कर पाता है। इसलिए आपके आत्मिक मार्ग जैसे महत्वपूर्ण कार्य की ख़ोज करने के लिए सही व प्रामाणिक नाड़ी ताड़पत्र व नाड़ी ज्योतिषी का चुनाव सावधानी से किया जाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एस्ट्रोवेद केवल उन नाड़ी ज्योतिषियों के साथ कार्य करता है जो कि उच्चतम सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण होने के साथ-साथ कई वर्षों के अभ्यास द्वारा इस विद्या में निपुण हैं। प्रामाणिक नाड़ी ज्योतिषी कुछ एक ही हैं जिन्होंने अपने वंश में पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला को सीखा है। डॉ. पिल्लै ने नाड़ी ज्योतिष पर 20 वर्षों से भी अधिक शोध किया है और प्रामाणिक, सटीक व विश्वसनीय नाड़ी ताड़पत्रों की ख़ोज की है। हमारी प्रख्यात सलाहकार मंडली गारंटी देती है कि जो नाड़ी ताड़पत्र हमारे नाड़ी ज्योतिषियों द्वारा पढ़े जाते हैं वे विश्वसनीय स्रोतों से लिए गए हैं। उन्होंने हमारे नाड़ी ज्योतिषियों को विशेष रूप से चयनित करके लगातार निगरानी द्वारा उनकी सत्यता की जांच की है।
नाड़ी ज्योतिष द्वारा भविष्यकथन वैदिक ज्योतिष के भविष्यकथन से पूर्णता भिन्न है। नाड़ी ज्योतिषी केवल वही पढता है जो कि वह नाड़ी ताड़पत्रों पर देखता है। सामान्यतः नाड़ी पठन कार्य करने वाले ज्योतिषी नहीं होते हैं। वे केवल प्राचीन ताड़पत्रों को आत्मज्ञान के बल पर पढ़ने में दक्ष होते हैं। आपसे जुड़े नाड़ी ताड़पत्र की पहचान के बाद यदि आप पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हुए तो आप contact@astroved.com पर संपर्क करके पूरी धनराशि वापस प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण सत्र के दौरान अगर आपको कुछ अधिक जानकारी पानी हो तो आप नाड़ी ज्योतिषी को रोककर अपने सवाल उनसे पूछ सकते हैं। अगर आपको किसी निश्चित ग्रह को ताक़तवर या कमज़ोर करने की आवश्यकता हो या फिर अपनी समय अवधि के बारे में अधिक जानकारी चाहते हों, तो आप अलग से भुगतान करके हमारे ज्योतिषी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।