इस अवधि में राहु आपकी चंद्र राशि से छठे भाव में गोचर करेगा। आप उन प्रयासों में सफल होंगे जिनका पीछा कर रहे हैं। आप अपनी क्षमताओं का अहसास करने में सक्षम रहेंगे। इस गोचर के दौरान आपकी सोच रचनात्मक रहेगी जोकि आपके प्रयासों को सफल बनाने में आपकी मदद करेगी।
आप मुश्किल परिस्थितियों का आसानी से सामना करने में सक्षम रहेंगे और अपनी योग्यता का बेहतर प्रदर्शन करेंगे।आप अपने काम से संबंधित सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और सफल भी रहेंगे। दूसरी ओर, आप कुछ मामूली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर सकते हैं जो आपकी प्रगति को कम कर सकती हैं। आप अपने दोस्तों व जीवन साथी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने में सक्षम नही होंगे।बेवजह की बहस आपकी तरफ से संभव है और यह आपकी खुशियों को बर्बाद कर सकती है।
इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-
आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी।
आपकी सोच रचनात्मक रहेगी।
आप मुश्किल परिस्थितियों का सामना आसानी से कर लेंगे।
आपको कुछ छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं रहेंगी।
आपके संबंध सौहार्दपूर्ण नहीं रहेंगे।
आपके साथ बेवजह की बहस होगी।
केतु :
इस अवधि में केतु आपकी चंद्र राशि से बारहवें भाव में गोचर करेगा। आपके मन में आध्यात्मिकता अधिक रहेगी और यह कठिन स्थितियों पर काबू पाने के लिए आपका मार्गदर्शन करेगी। आपका अवचेतन मन आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने में आपका मार्गदर्शन करेगा। आप आध्यात्मिक गतिविधियों से संबंधित यात्राएं अधिक करेंगे और यह आपके लिए सफलतादायी रहेंगी। आप यात्राओं के दौरान ऐसे लोगों से मिलेंगे जो आध्यात्मिकता में संलिप्त होंगे। ऐसे लोगों से मिलना आपको उम्र भर के लिए एक ख़ास अनुभव प्रदान करेगा। आप अवांछित व्ययों का सामना कर सकते हैं और इन्हें आप संभल नहीं पाएंगे। आप संबंधों में कम रूचि लेंगे और आपके अंदर वैराग्य भाव रहेगा। आपको अनिद्रा की समस्या रहेगी।
इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-
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भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के हर पहलू – जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान और आध्यात्मिकता पर गहरा प्रभाव डालती है। जन्मकुंडली में ग्रहों की भूमिका जब कोई व्यक्ति जन्म लेता […]13...
भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रुद्राक्ष को दिव्य मणि कहा गया है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष की हर मुखी के अलग-अलग गुण और प्रभाव होते हैं। इनमें से पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे आम और अत्यंत शुभ माने जाने वाले रुद्राक्षों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक […]13...