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नाड़ी पठन क्या है?

  • नाड़ी पठन प्रक्रिया क्या है?- इस प्रक्रिया के चार स्तर हैं- ख़ोज , पहचान, प्रतिलेखन व अनुवाद।
  • प्राचीन ज्योतिष की यह शाखा संवाद प्रस्तुति व दैवीय वार्तालाप से भी जुड़ी हुई है।
  • क्या होता है जब आपको अपना नाड़ी ताड़पत्र नहीं मिलता?
  • यह विज्ञान अँगूठे की छाप पर आधारित है।
  • यह विज्ञान ध्वनि विज्ञान (दैवीय ध्वनियाँ ) से भी संबंधित है।

नाड़ी ज्योतिष का लाभ पाने के लिए आपको पहले दक्षिण भारत में स्थित एक छोटे मंदिरों से भरे शहर की यात्रा करनी पड़ती थी| अब हम इस दैवीय आश्चर्य से भरे नाड़ी ज्योतिष के संसार को आपके लिए सुलभ व सहजता से उपलब्ध करवा रहे हैं, वो भी कंप्यूटर, टेलीफोन या आपके मोबाइल फ़ोन के द्वारा। अब आप संसार के किसी भी कोने में बैठे-बैठे ही अपने नाड़ी ताड़पत्र पर लिखित सूचनाओं द्वारा अपने भाग्य में लिखित गहरे बदलाव को महसूस कर सकते हैं।

नाड़ी पठन क्या है?

1 पहला स्तर- नाड़ी ताड़पत्र की ख़ोज प्रक्रिया-

पहला स्तर-

इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम आपको अपने अँगूठे की छाप देनी पड़ती है, स्त्रियों के बाएं अँगूठे व पुरषों के दाएं अँगूठे की छाप ली जाती है। इसके उपरांत नाड़ी ज्योतिषी अँगूठे की छाप द्वारा आपसे जुड़े समान वर्ग के नाड़ी ताड़पत्र समूहों में से आपके व्यक्तिगत नाड़ी ताड़पत्र की ख़ोज करता है।

अधिक पढ़ें:- आपके अँगुष्ठ छाप का महत्व

यह कार्य आपके द्वारा फैक्स, ईमेल या मोबाइल फ़ोन के माध्यम से भेजे गए अपने अँगुष्ठ छाप के आधार पर हो सकता है। इस नाड़ी कार्यक्रम को चुनने के बाद आपको सरल निर्देश प्राप्त होंगे। एक बार आपके अँगुष्ठ छाप की गुणवत्ता से संतुष्ट हो जाने के उपरांत नाड़ी ज्योतिषी आपसे संबंधित नाड़ी ताड़पत्र समूहों के खोजकार्य में लग जाते हैं। इसके उपरांत निर्धारित कार्यक्रम के द्वारा सही नाड़ी ताड़पत्र की ख़ोज हेतु आपसे प्रश्न-उत्तर पूछे जाएंगे।

2 दूसरा स्तर- स्काइप, ईमेल अथवा टेलीफोन द्वारा आपसे जुड़े नाड़ी ताड़पत्र की पहचान करना-

दूसरा स्तर

नाड़ी पठन का यह भाग नाड़ी ताड़पत्र के पहचान व अनुवाद इन दोनों स्तरों से जुड़ा हुआ है। नाड़ी ताड़पत्र के पहचान की यह प्रक्रिया स्काइप के माध्यम से की जाती है। हालाँकि यदि कोई भारत आकर व्यक्तिगत तौर पर अपने नाड़ी ताड़पत्र की पहचान करवाना चाहता है, तो वह भी किया जा सकता है। इससे इस प्रक्रिया में कोई फ़र्क नहीं पड़ता यह तो आपकी प्राथमिकता व सुविधा पर निर्भर करता है। यह अवस्था काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह आपसे संबंधित ताड़पत्र की पहचान करती है। नाड़ी ज्योतिषी मुख्य तत्वों की ख़ोज करके उनका आपसे मिलान करते हैं जैसे कि आप व आपके माता-पिता के नाम से संबंधित ध्वनि तथा आपके जन्म से जुड़ी निश्चित ज्योतिषीय जानकारियों की जाँच की जाती है। इसके उपरांत नाड़ी ज्योतिषी आपसे कई प्रकार के प्रश्न पूछेंगे जिनका उत्तर आपको हाँ या ना में देना चाहिए। उदाहरण स्वरुप अगर वह आपसे पूछता है कि-“क्या आपके तीन भाई हैं ?” तो आपको ऐसा नही कहना चाहिए कि-“नहीं, मेरे चार भाई हैं” आपको इस प्रकार नहीं कहना चाहिए या फिर आपको यह भी नहीं कहना चाहिए कि- “आपका कोई भाई नहीं है” स्वैच्छिक रूप से कभी कोई जानकारी न दें। सिर्फ हां या ना में ही अपने उत्तर दें और बस इतना ही काफी है। नाड़ी पठन में मुख्य तत्वों के आधार पर जब एक बार आपके ताड़पत्र की पहचान हो जाती है, तो यह प्रक्रिया समाप्त हो जाती है। इसके बाद आपसे संबंधित ताड़पत्र के प्रतिलेखन की प्रक्रिया शुरू होती है।

3 तीसरा स्तर- ताड़पत्र का प्रतिलेखन-

Skype-and-call

आपसे जुड़े ताड़पत्र की ख़ोज हो जाने के बाद नाड़ी ज्योतिषी ताड़पत्र पर लिखित सूचनाओं (जो कि अध्यायों व विभिन्न खड़ों में व्यवस्थित होती है) को ध्यानपूर्वक पढ़ता व समझता है। यह सूचनाएं आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित होती हैं। ताड़पत्र पर लिखित सारी सूचनाओं का काव्य संग्रह में प्रतिलेखन करने से पहले सर्वप्रथम नाड़ी ज्योतिषी के लिए यह ज़रूरी है कि वह प्राचीन गद्य रूप से लिखी हुई नीरस तमिल भाषा का आधुनिक तमिल भाषा में अनुवाद कर ले।

4 चौथा स्तर- अनुवाद की हुई सारी सूचनाओं को स्काइप या फ़ोन द्वारा आप तक पहुँचाना-

Transcription

स्काइप या फ़ोन के माध्यम से पूर्व निर्धारित समयानुसार आपको सारी अनुवादित सूचनाएं प्रदान की जाएंगी। नाड़ी ज्योतिषी व अनुवादक काव्य संग्रह में आपसे संबंधित क्या कुछ लिखा है? उसका प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण आपको देंगे। नाड़ी ज्योतिषी आधुनिक तमिल भाषा में बात करेंगे तथा अनुवादक आपसे बात करते समय अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग करेंगे। इस अवस्था को ही प्रायः नाड़ी पठन कहा जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान आप अपने प्रश्न पूछकर उनका स्पष्टीकरण पा सकते हैं। इस पठन में निर्दिष्ट परिहारों (कृपया ध्यान दें- उपायों से संबंधित अनुष्ठान करने का मूल्य इस सेवा में शामिल नहीं है) की जानकारी भी सम्मिलित होती है। नाड़ी पठन से सम्बंधित इस भाग को रिकॉर्ड (एम.पी. 3 प्रारूप में ) किया जाएगा व आपके द्वारा दिये गए एस्ट्रोवेद ऑर्डर में आपके लिए इसे उपलब्ध करवाया जाएगा।


नाड़ी ज्योतिष क्या है और यह आपको किस प्रकार फ़ायदा पहुँचा सकती है?


नाड़ी के बारे में


क्या आप अपने नाड़ी ताड़पत्र की ख़ोज करने के लिए तैयार हैं?


नाड़ी पठन


नाड़ी ज्योतिष के परिहारों द्वारा अपने जीवन को बदलिए|


नाड़ी परिहार


नाड़ी ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन के रहस्यों को सुलझाइए|


नाड़ी पैकेज


प्राचीन नाड़ी ज्योतिष की यह विधा दैवीय संवाद व वार्तालाप प्रस्तुति से भी जुड़ी हुई है-

प्राचीन नाड़ी ज्योतिष की यह विधा दैवीय संवाद व वार्तालाप प्रस्तुति से भी जुड़ी हुई है

आपसे जुड़ा नाड़ी पठन कार्य संसार की सभी शक्तिशाली नर व नारी शक्तियों (जो कि शिव-पार्वती का प्रतीकात्मक रूप मानी जाती हैं।) के बीच दैवीय संवाद का कार्य करेगा। इस प्रक्रिया में आपकी तरफ से देवी पार्वती भगवान शिव से प्रश्न पूछती हैं, तब भगवान शिव अपनी सर्वाधिक प्रिय पत्नी/संगी को उत्तर देते हैं।

क्या होता है जब आपसे संबंधित नाड़ी ताड़पत्र आपको नहीं मिलता?-

क्या होता है जब आपसे संबंधित नाड़ी ताड़पत्र आपको नहीं मिलता?

यह सत्य है कि कुछ लोग आजीवन तलाश करने के बावजूद अपने नाड़ी ताड़पत्र को नहीं ढूंढ पाते हैं। अगर आपको भी अपना ताड़पत्र नहीं मिले तो तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। समय नाड़ी ज्योतिष में प्रमुख भूमिका निभाता है। जब ताड़पत्र मिलता है तो उस पर वर्तमान तिथि व कभी कभार समय भी अंकित होता है और यह सौरमंडल में ग्रहों की वर्तमान स्थिति के कारण होता है। अगर आपको अपना ताड़पत्र नहीं मिलता तो आप दो सप्ताह के उपरांत इसकी पुनः ख़ोज कर सकते हैं, लेकिन प्रायः चार से छह सप्ताह का समय भी लग सकता है। इस दौरान नाड़ी ज्योतिषी केंद्रीय नाड़ी पुस्तकालयों से नाड़ी बंडलों की अदला-बदली कर लेते हैं। अगर आप अपने ताड़पत्र की ख़ोज हमारे द्वारा यानि एस्ट्रोवेद के माध्यम से करवाते हैं और यदि आपका ताड़पत्र नहीं मिलता तो हम आपके भुगतान मूल्य में से 175 रुपए प्रशासन शुल्क के रूप में घटाकर शेष पूर्ण राशि आपको लौटा देते हैं।

यह विज्ञान अँगुष्ठ छाप पर आधारित है-

Thumb-immpresion

आपके अंगूठे की छाप महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अनोखी होती है। नाड़ी ज्योतिष आपके अँगुष्ठ छाप का प्रयोग करके आपका भविष्यकथन करती है। नाड़ी ज्योतिष की यही वो विशेषता है जो इसे परंपरागत ज्योतिष से अलग करती है, जिसमें आपको अपना जन्म विवरण देना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य के अँगुष्ठ छाप को 108 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है। आपकी अनोखी अँगुष्ठ छाप की जानकारी के आधार पर ही आपसे जुड़े नाड़ी ताड़पत्र समूह की ख़ोज की जाती है। इस प्रत्येक नाड़ी ताड़पत्र समूह में 20 से लेकर 25 तक व्यक्तिगत ताड़पत्र होते हैं। नाड़ी ज्योतिषी इन ताड़पत्रों पर गुदी हुई जानकारी के आधार पर ही आपसे जुड़े सटीक नाड़ी ताड़पत्र की खोज करता है।

दैवीय ध्वनियों से जुड़ा नाड़ी विज्ञान-

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नाड़ी ताड़पत्र पर अंकित कुछ मुख्य विवरणों के आधार पर आपसे संबंधित ताड़पत्र की खोज की जाती है। इन विवरणों के अनुसार आपके व माता-पिता के नाम की ध्वनियाँ ताड़पत्र पर अंकित ध्वनियों से ज़रूर मिलनी चाहिए। आपके कर्म ध्वनियों के द्वारा आपका पीछा करते हैं इसलिए सही ताड़पत्र की पहचान करने के लिए इस पूर्ण प्रामाणिक मार्ग को चुना जाता है। इस विधा द्वारा नामों की पहचान चमत्कारिक ढंग से हो जाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका नाम अफ़्रीकी, पश्चिमी, जापानी या चीनी संस्कृति पर आधारित है। आपका नाम इस प्राचीन पत्र पर प्रकाशित हो जाएगा। एस्ट्रोवेद के संस्थापक, डॉ. भास्करन पिल्लै ने नाड़ी ज्योतिष पर कई दशकों तक शोध किया है। वे बताते हैं कि- कर्म या एक जन्म से दूसरे जन्म में जाने का कारण व इस प्रभाव की निरंतरता के पीछे ध्वनियों का हाथ होता है। नाड़ी ज्योतिष आपके नाम की सटीक पहचान कर सकती है क्योंकि यह ध्वनियों की पहचान अक्षरों के रूप में करती है। जो कि आपकी वर्तमान पहचान व कर्मों का निर्माण करते हैं। प्राचीन तमिल भाषा वर्तमान समय में ज्यादातर प्रयुक्त होने वाले अक्षरों का प्रयोग नहीं करती है। इसलिए कुछ नाम जैसे की “जॉर्ज” को “जो,इर, इज ” इस प्रकार पहचाना जाएगा। दुनिया भर में विभिन्न संस्कृति से जुड़े कुछ नाम तथा उनके अनुरूप नाड़ी ज्योतिष में बताए प्राचीन अक्षर निम्नलिखित हैं-

नाम नाड़ी ज्योतिषानुसार शब्दांश ध्वनियॉ
विशाल वी/ईश/ऑल
गौथामन कौ/टा/मा/न
जॉर्ज जो/इर/इज
पैट्रिशिया पा/इट/री/शी/या
वोंग चिन वॉव/इंग चे/इंग
वाई यी वा/यी अथवा वाय/ई
चूमेनकोवा सु/मैन/को/वा
मुकरधार मु/क/इर/दरर

नाड़ी ज्योतिष में प्रयुक्त अतिप्राचीन ध्वनि समूह-

क/च/ग/छ/घ/के/गे/छे/घे/कि/गि/छि/घि/को/चो/छो/घो/कु/चु/छु/घु/स/से/सि/सो/सु/श/शे/शि/शो/शु/त/द/थ/ध/ते/दे/थे/धे/टि/दि/थि/धि/तो/दो/थो/धो/तु/दु/थु/धु/प/फ/पे/फे/पि/फि/पो/फो/पु/फु/ब/भ/बे/भे/बि/भि/बो/भो/बु/भु/र/रे/रि/रो/रु/ रा/रै/री/ रौ/रू

ए/इ/आई/ओ/यू

न/ने/नि/नो/नु/ना/नै/नी/नौ/नू/म/मे/मि/मो/मु/मा/मै/मी/मौ/मू

य/ये/यि/यो/यु/या/यै/यी/यौ/यू/व/वे/वि/वो/वु/वा/वै/वी/वौ/वू/ल/ले/लि/लो/लु/ला/लै/ली/लौ/लू/झा/झे/झी/झो झु

एस्ट्रोवेद द्वारा नाड़ी ज्योतिष सेवा की प्रामाणिकता का आश्वासन-

एस्ट्रोवेद द्वारा नाड़ी ज्योतिष सेवा की प्रामाणिकता का आश्वासन

एस्ट्रोवेद केवल उन नाड़ी ज्योतिषियों के साथ कार्य करता है जो कि उच्चतम सत्यनिष्ठा से परिपूर्ण होने के साथ-साथ कई वर्षों के अभ्यास द्वारा इस विद्या में निपुण हैं। प्रामाणिक नाड़ी ज्योतिषी कुछ एक ही हैं जिन्होंने अपने वंश में पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला को सीखा है। डॉ. पिल्लै ने नाड़ी ज्योतिष पर 20 वर्षों से भी अधिक शोध किया है और प्रामाणिक, सटीक व विश्वसनीय नाड़ी ताड़पत्रों की ख़ोज की है। हमारी प्रख्यात सलाहकार मंडली गारंटी देती है कि जो नाड़ी ताड़पत्र हमारे नाड़ी ज्योतिषियों द्वारा पढ़े जाते हैं वे विश्वसनीय स्रोतों से लिए गए हैं। उन्होंने हमारे नाड़ी ज्योतिषियों को विशेष रूप से चयनित करके लगातार निगरानी द्वारा उनकी सत्यता की जांच की है।

अपनी संतुष्टि की गारंटी पाएं-

अपनी संतुष्टि की गारंटी पाएं

नाड़ी ज्योतिष द्वारा भविष्यकथन वैदिक ज्योतिष के भविष्यकथन से पूर्णता भिन्न है। नाड़ी ज्योतिषी केवल वही पढता है जो कि वह नाड़ी ताड़पत्रों पर देखता है। सामान्यतः नाड़ी पठन कार्य करने वाले ज्योतिषी नहीं होते हैं। वे केवल प्राचीन ताड़पत्रों को आत्मज्ञान के बल पर पढ़ने में दक्ष होते हैं। आपसे जुड़े नाड़ी ताड़पत्र की पहचान के बाद यदि आप पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हुए तो आप contact@astroved.com पर संपर्क करके पूरी धनराशि वापस प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्यक्ष स्पष्टीकरण सत्र के दौरान अगर आपको कुछ अधिक जानकारी पानी हो तो आप नाड़ी ज्योतिषी को रोककर अपने सवाल उनसे पूछ सकते हैं। अगर आपको किसी निश्चित ग्रह को ताक़तवर या कमज़ोर करने की आवश्यकता हो या फिर अपनी समय अवधि के बारे में अधिक जानकारी चाहते हों, तो आप अलग से भुगतान करके हमारे ज्योतिषी से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।