चैत्र नवरात्री क्या है?
नवरात्री एक वर्ष में चार बार मनाये जाते हैं| इस समय शक्ति के नव रूपों की उपासना की जाती है क्योंकि ‘रात्रि’ शब्द सिद्धि का प्रतीक माना जाता है। भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है। यही कारण है कि दीपावली, होलिका, शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परंपरा है| वसंत नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि, शरद नवरात्रि और महा नवरात्रि। इन चार नवरात्रों में से, दो सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण हैं। उनमें एक है चैत्र नवरात्री| इसे वसंत नवरात्री भी कहते हैं|
वसंत नवरात्री या चैत्र नवरात्री चैत्र माह में मनाया जाता है| मौसम परिवर्तन के समय संधि के दौरान यह मनाया जाता है| अंगेजी मार्च- अप्रैल महीने में यह मनाया जाता है
चैत्र नवरात्रि हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। इस समय के दौरान भक्त लोगों ने ब्रह्मांडीय शक्तियों की देवी माँ दुर्गा, की पूजा करते हैं, ताकि उनकी दिव्य श्रद्धा द्वारा आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके। ऐसा माना जाता है कि देवी को भकती श्रद्धा से पूजन करने कसे वे अनेक प्रकार के वरदान प्राप्त करेंगे।
चैत्र नवरात्री मनाने का वैज्ञानिक कारण
नवरात्रि हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। नवरात्रि में 9 बहुत शुभ रात्रिएं मनाई जाती हैं, जो देवी मां की पूजा के लिए समर्पित हैं। ऐसे नवरात्र सभी मौसमों में मनाए जाते हैं और वसंत नवरात्रि वसंत ऋतु में मनाई जाने वाली नवरात्रि में से एक है।
शीतला देवी वसंत देवी हैं, जिन्हें वसंत नवरात्रि के दौरान पहना जाता है। वह शक्तिशाली देवी दुर्गा का एक पहलू है और यह माना जाता है कि उनकी पूजा के दौरान वसंत नवरात्रि बीमारियों का इलाज कर सकती है और सभी नकारात्मकताओं को दूर कर सकती है। वसंत नवरात्रि एक प्रमुख दिन जब धन, समृद्धि और अपार आशीर्वाद के लिए देवी से प्रार्थना की जा सकती है।
प्राकृति माता की वंदना करके लोग अपने एहसानमंद प्रदान करते हैं ताकी प्राकृति से वे लाभ प्रदान करेंगे|
हिन्दू धर्म में हरेक पर्व के पीछे एक वैज्ञानिक आधार होता है| इस धरती पर सूरज अपना अनूठा स्थान निभाता है| सूरज की परिक्रमा और क्रांती के कारण ही दिन रात और मौसम बदलते रहते हैं | इस प्रकार एक वर्ष में चार मौसम होते हैं | जिनमें मार्च महीने में पडनेवाली मौसम संधी वसंत नवरात्री के रूप में मनया जाता है |मौसम परिवर्तन के समय ही कई रोगाणु आक्रमण की सर्वाधिक संभावना होती है | इसलिए रोग और शारीरिक बीमारियाँ आने की संभावना है| अत: उस समय स्वस्थ रहने के लिए, शरीर को शुद्ध रखने के लिए, तन-मन को निर्मल रखने के लिए की जाने वाली पर्व का नाम ‘नवरात्र’ है और पूजा अनुष्ठान नवरात्री अनुष्ठान होते हैं।
चैत्र नवरात्री मनाने का धार्मिक कारण
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार महिषासुर नामक राक्षस भगवान शिव की आराधना करके अद्वितीय शक्तियां प्राप्त कर ली थीं| तीनों देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी उसे हराने में असमर्थ बन गए| इसलिए उसका अहंकार बढ़ गया और वह सब को सताने लगा | ऐसा होने का कारण सभी देवताओं ने शिव से प्रार्थना की थी |ईश्वर के सलाह के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों को मिलाकर दुर्गा को अवतरित किया। अनेक शक्तियों के तेज से जन्मीं माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर सबके कष्टों को दूर किया। नौ दिनों के बाद मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उनके कष्टों से मुक्त किया था। इसलिए ये नौ दिन भक्त लोगों से श्रद्धा के साथ नवरात्री के रूप में मनाया जाता है|
चैत्र नवरात्री अधिक मात्रा में कहाँ मनाया जाता है?
हिंदू पुराणों और शास्त्रों के अनुसार, चैत्र नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण नवरात्रि है जिसमें देवी शक्ति की पूजा की जाती है| चैत्र नवरात्रि पूरे भारत में, विशेषकर उत्तरी राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
यह हिंदू त्योहार हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बहुत लोकप्रिय है। इनमें से अधिकांश राज्यों में, शक्ति मंदिरों में एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है। महाराष्ट्र राज्य में, यह गुड़ी पाड़वा है जहां आंध्र प्रदेश जैसे दक्षिणी राज्यों में उत्सव मनाया जाता है।
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