AstroVed Menu
AstroVed
search
HI language
x
cart-added The item has been added to your cart.
x

राहु काल

ज्योतिष में 9 ग्रहों होते हैं| उनमें सूर्य, चन्द्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि क्रमश: इतवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार, और शनिवार के अतिपथी होते हैं| उस दिन पर वे शक्तिपूर्ण होते हैं| लेकिन राहु छाया ग्रह है| इसलिए कोई विशेष दिन नहीं है| इसके अलावा यह ग्रह हरेक वार के 1½ घंटे को अपने नियंत्रण पर रख सकता है| Astrology in Hindi – एस्ट्रोवेड पर जाने एस्ट्रोलॉजी, राशिफल, ज्योतिष और ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी सभी जानकारियां

rahu kaal timings

दिन में 24 घंटे या 8 जाम होते हैं। एक जाम तीन घंटे का होता है। दिन के 24 घंटों को दिन और रात में बांटा गया है। दिन में 12 घंटे और रात में 12 घंटे। इसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक (अर्थात 12 घंटे) और सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय तक रात (अर्थात 12 घंटे) में विभाजित किया जाता है।

8 जामाओं के तीन घंटे है| हरेक जाम दो वर्गों में विभाजित किए गए थे, दिन के लिए 1½ घंटे (दिन में 8 जाम) और रात के 1½ घंटे (रात में 8 जाम)। ज्योतिष में कुल नौ ग्रह माने गए हैं। पहले ही हम देखा कि इनमें से सात ग्रह सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि अपने-अपने कार्यदिवसों पर हावी हैं।

राहु एक उप-ग्रह कहा जाता है। अन्य साथ ग्रहों जिसे सप्ताह के एक विशेष दिन को लिया, तो राहु ग्रह हरेक दिन में 1½ घंटे का समय अपने नियंत्रण पररखता है|

जिस समय राहु ग्रह हावी होता है उसे राहु काल कहा जाता है। ज्योतिष में राहु काल को अशुभ माना जाता है। अत: इस काल में शुभ कार्य नहीं की जाते है।

यहां आपके लिए प्रस्तुत है सप्ताह के दिनों पर आधारित राहुकाल का समय, जिसके देखकर आप अपना दैनिक कार्य कर सकते हैं।

वार राहु काल का समय
रविवार सायं 4:30 से 6:00 बजे तक।
सोमवार प्रात:काल 7:30 से 9:00 बजे तक।
मंगलवार अपराह्न 3:00 से 4:30 बजे तक।
बुधवार दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक।
गुरुवार दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक।
शुक्रवार प्रात:10:30 से दोपहर 12:00 तक।
शनिवार प्रात: 9:00 से 10:30 बजे तक।

नवीनतम ब्लॉग्स

  • ज्योतिषीय उपायों में छुपा है आपकी आर्थिक समस्याओं का समाधान
    आज की दुनिया में, आर्थिक स्थिरता एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन के प्रमुख पहलुओं में से एक है। फिर भी कई लोग कड़ी मेहनत के बावजूद लगातार आर्थिक परेशानियों, कर्ज या बचत की कमी का सामना करते हैं। अगर यह आपको परिचित लगता है, तो इसका कारण न केवल बाहरी परिस्थितियों में बल्कि आपकी कुंडली […]13...
  • ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की भूमिका और कुंडली में प्रभाव
    भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के हर पहलू – जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान और आध्यात्मिकता पर गहरा प्रभाव डालती है।   जन्मकुंडली में ग्रहों की भूमिका जब कोई व्यक्ति जन्म लेता […]13...
  • पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व, लाभ और पहनने की विधि
    भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रुद्राक्ष को दिव्य मणि कहा गया है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष की हर मुखी के अलग-अलग गुण और प्रभाव होते हैं। इनमें से पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे आम और अत्यंत शुभ माने जाने वाले रुद्राक्षों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक […]13...