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चैत्र नवरात्रि के पहले दिन हुआ था मां दुर्गा का जन्म

नवरात्रि साल में चार बार मनाई जाती है। वसंत नवरात्रि, आषाढ़ नवरात्रि, शरद नवरात्रि और महा नवरात्रि। इन चार नवरात्रों में से, दो सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण हैं।

वसंत या चैत्र नवरात्रि:

यह नवरात्रि चैत्र के शुक्ल पक्ष के दौरान मनाया जाता है, जो मार्च से अप्रैल के बीच होता है। नवरात्रि भी हिंदू चंद्र आधार कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत है। महाराष्ट्रा में गुड़ी पाड़वा के रूप में नया साल को मानते हैं। यह नवरात्रि ज्यादातर उत्तर भारत और पश्चिमी भारत में मनाई जाती है।

चैत्र नवरात्री का पौराणिक कथा

एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार महिषासुर नामक राक्षस भगवान शिव की आराधना करके अद्वितीय शक्तियां प्राप्त कर ली थीं| तीनों देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश भी उसे हराने में असमर्थ बन गए| इसलिए उसका अहंकार बढ़ गया और वह सब को सताने लगा | ऐसा होने का कारण सभी देवताओं ने शिव से प्रार्थना की थी |ईश्वर के सलाह के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों को मिलाकर दुर्गा को अवतरि‍त किया। अनेक शक्तियों के तेज से जन्मीं माता दुर्गा ने महिषासुर का वध कर सबके कष्टों को दूर किया। नौ दिनों के बाद मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध करके देवताओं को उनके कष्टों से मुक्त किया था। इसलिए ये नौ दिन भक्त लोगों से श्रद्धा के साथ नवरात्री के रूप में मनाया जाता है|

नवरात्री पूजन

नवरात्रि का पहला दिन – देवी शैलपुत्री – गाय के घी का भोग। नवरात्री का पहले दिन शैलपुत्री के पूजन करने से आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहेगा और बीमारियों को दूर रखेगा।

नवरात्रि का दूसरे दिन – देवी ब्राहमचारिणी – चीनी और फलों का भोग| नवरात्री का दूसरे दिन ब्राहमचारिणी पूजन करने से आपके परिवार के सदस्यों का आयु बढ़ सकता है|

नवरात्रि का तीसरा दिन – देवी चंद्रकांता – दूध, मिठाई या खीर का भोग – नवरात्री का तीसरे दिन चंद्रकांता पूजन करने से आपके मन में होनेवाले दुख और दर्द से राहत दिलाएगा।

नवरात्रि का चतुर्थ दिन – देवी कूष्माण्डा – मालपुडा या पुडा का भोग – नवरात्री का चतुर्थ दिन कूष्माण्डा पूजन करने से बुद्धि और शक्ति के क्षमता बढ़ सकती है|

नवरात्रि का पाँचवां दिन – देवी स्कंदमाता – केला का भोग। नवरात्री का पाँचवां दिन स्कंदमाता के पूजन करने से आपका स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है|

नवरात्रि का छठा दिन – देवी कात्यायनी – शहद का भोग| – नवरात्री का छठा दिन कात्यायनी के पूजन करने से आपका स्वास्थ्य और सौन्दर्य बढ़ सकता है |

नवरात्रि के सातवें दिन – माँ कालरात्रि – गुड़ का भोग। – नवरात्री का छठा दिन कात्यायनी के पूजन करने सेआपके जीवन से सभी दुखों और बुराईयों दूर जा सकते हैं । आपको अचानक आने वाली विपत्ति से बचाता है।

नवरात्रि का आठवां दिन – देवी महागौरी – नारियल का भाग – नवरात्री का आठवां दिन कात्यायनी के पूजन करने से आपको पुत्र संतान प्प्राप्त होते हैं |आपके जीवन से दुखों को दूर करता है और आपको सफलता दिलाता है।

नवरात्रि का नवां दिन – देवी सिद्धिधात्री – तीअल का भोग| – नवरात्री का नवां दिन सिद्धिधात्री पूजा करने से सभी सिद्धियों प्राप्त कर सकते हैं।

वसंत नवरात्रि के बारे में अधिक जानने के लिए एस्ट्रोवेटेड हिंदी वेबसाइट पर जाएँ

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