AstroVed Menu
AstroVed
search
HI language
x
cart-added The item has been added to your cart.
x

महाशिवरात्रि पर अपनी राशि के अनुसार करें भगवान शिव की पूजा

महा शिवरात्रि एक आदर्श दिन है जब आप भगवान शिव की ऊर्जाओं तक पहुंच सकते हैं और सभी प्रकार के कर्मों को दूर करने और नई चेतना प्राप्त करने के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह रात विचारों के दोहराव वाले पैटर्न को बदलने की शक्ति प्रदान करती है जो आपके लिए बार-बार वही वास्तविकता बनाते रहते हैं। भीतर से किया गया ऐसा परिवर्तन उन सभी बाधाओं को दूर कर सकता है जो आपको जीवन के किसी भी पड़ाव पर अटकाए रखती हैं। इस प्रकार, महा शिवरात्रि आपके शरीर और मन को एक नई चेतना के साथ ऊर्जावान और पोषित करने में मदद कर सकती है जो नए अवसरों के साथ एक नया जीवन बनाने का अवसर प्रदान करती है। आइए इस शिवरात्रि आपकी राशि के अनुसार पूजा और उपाय जानें।

मेष राशि

शिव जी की पूजा के बाद ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं इस मंत्र का 108 बार जप करें। शहद, गुड़, गन्ने का रस, लाल पुष्प शिव जी के लिए चढ़ाएं।

वृषभ

इस राशि के व्यक्ति मल्लिकार्जुन का ध्यान करते हुए पंचअक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का जप करें और कच्चे दूध, दही, श्वेत पुष्प शिव जी को चढ़ाएं।

मिथुन

महाकालेश्वर का ध्यान करते हुए ओम नमो भगवते रूद्राय मंत्र का यथासंभव जप करें। हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र शिव जी को चढाएं।

कर्क

शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए ओम हौं जूं सः मंत्र का जितना संभव हो जप करें और शिवलिंग पर कच्चा दूध, मक्खन, मूंग, बेलपत्र आदि चढाएं।

सिंह

ओम त्र्यंबकं यजामहे सुगंधि पुष्टिवर्धनम, उर्वारूकमिव बन्ध्नान्मृत्योर्मुक्षीय मामृता यह मंत्र का कम से कम 51 बार जप करें, इसके साथ ही ज्योतिर्लिंग पर शहद, गुड़, शुद्ध घी, लाल पुष्प आदि चढाएं।

कन्या

ओम नमो भगवते रूद्राय मंत्र का यथासंभव जप करें। हरे फलों का रस, बिल्वपत्र, मूंग, हरे व नीले पुष्प शिव जी को चढाएं।

तुला

शिव पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय का 108 बार जप करें और दूध, दही, घी, मक्खन, मिश्री शिव जी को चढ़ाए।

वृश्चिक

इस राषि के लोग ‘ह्रीं ओम नमः शिवाय ह्रीं’ मंत्र का जप करें और शहद, शुद्ध घी, गुड़, बेलपत्र, लाल पुष्प शिवलिंग पर अर्पित करें।

धनु

धनु जातकों को ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।। मंत्र से शिव जी की पूजा करनी चाहिए, धनु राशि वाले मंत्र जाप के अलावा शिवलिंग पर शुद्ध घी, शहद, मिश्री, बादाम, पीले पुष्प, पीले फल चढ़ाएं।

मकर

मकर जातकों को त्रयम्बकेश्वर जी का ध्यान करते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र की 5 माला का जप करें, इसके अलावा भगवान शिव जी का सरसों का तेल, तिल का तेल, कच्चा दूध, जामुन, नीले पुष्प से अभिषेक करें।

कुंभ

कुंभ के स्वामी शनि देव हैं इसलिए इस राशि के व्यक्ति भी मकर की तरह ओम नमः शिवाय का जप करें, जप के समय केदारनाथ जी का ध्यान करें, कच्चा दूध, सरसों का तेल, तिल का तेल, नीले पुष्प शिव जी के लिए चढाएं।

मीन

मीन के स्वामी गुरू है इसलिए उन्हे ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्र प्रचोदयात।। इस मंत्र का जितना अधिक हो सके जप करना चाहिए और गन्ने का रस, शहद, बादाम, बेलपत्र, पीले पुष्प, पीले फल शिव जी को चढ़ाने चाहिए।

नवीनतम ब्लॉग्स

  • ज्योतिषीय उपायों में छुपा है आपकी आर्थिक समस्याओं का समाधान
    आज की दुनिया में, आर्थिक स्थिरता एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन के प्रमुख पहलुओं में से एक है। फिर भी कई लोग कड़ी मेहनत के बावजूद लगातार आर्थिक परेशानियों, कर्ज या बचत की कमी का सामना करते हैं। अगर यह आपको परिचित लगता है, तो इसका कारण न केवल बाहरी परिस्थितियों में बल्कि आपकी कुंडली […]13...
  • ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की भूमिका और कुंडली में प्रभाव
    भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के हर पहलू – जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान और आध्यात्मिकता पर गहरा प्रभाव डालती है।   जन्मकुंडली में ग्रहों की भूमिका जब कोई व्यक्ति जन्म लेता […]13...
  • पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व, लाभ और पहनने की विधि
    भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रुद्राक्ष को दिव्य मणि कहा गया है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष की हर मुखी के अलग-अलग गुण और प्रभाव होते हैं। इनमें से पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे आम और अत्यंत शुभ माने जाने वाले रुद्राक्षों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक […]13...