भगवान को भोग लगाने में आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां
हिंदू धर्म में पूजा के दौरान देवी-देवताओं को प्रसाद अथवा भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान प्रसाद को भोग के रूप में स्वीकार करते हैं। इसलिए भगवान की पूजा में प्रसाद का बहुत महत्व माना जाता है। भारत में सभी देवी-देवताओं को विभिनन प्रकार के प्रसाद चढ़ाये जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप नियमित रूप से भगवान को प्रसाद का भोग लगाते है तो वे अपकी हर इच्छा पूरी करते है और घर में सुख-शांति बनी रहती है। आप अपने घर में बनने वाले सामान्य भोजन का भी भगवान को भोग लगा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि देवताओं को अपनी पसंद का भोग लगाने से वे अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते हैं।

हालांकि भगवान को प्रसाद चढ़ाते समय कई महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। शास्त्रों में इन बातों को भोग लगाने का भी नियम कहा गया है। हालांकि इसके बावजूद कई बार लोग भोग चढ़ाते वक्त कई गलतियां कर बैठते हैं। कहा जाता है कि इन गलतियों के कारण लोगों को भगवान की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। हम आपको इन्हीं गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह देखा गया है कि आजकल अधिकांश लोग भगवान के लिए किए गए प्रसाद में अधिक तेल का उपयोग करने लगे हैं। ज्योतिष शास्त्र में हमेशा घी से बनी चीजों को भगवान को अर्पित करने का उल्लेख मिलता है। साथ ही मिर्च वाली चीजें भगवान को प्रसाद के रूप में नहीं चढ़ानी चाहिए। यह गलती नकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है, ऐसे में हमेशा प्रसाद बनाते समय घी का प्रयोग करें।
लोग सच्ची भक्ति के साथ भगवान को भोग लगाते हैं, लेकिन कभी-कभी वे उसी समय भोग का सामान भी निकाल देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान के सामने से भोग को तुरंत हटाना अशुभ माना जाता है। इसके बजाय भोग अर्पित करने के बाद कुछ देर के लिए वहां से हट जाएं और कुछ समय बाद भगवान को प्रणाम करते हुए भगवान के सामने से भोगी चीजों को हटा दें।
कई बार लोग पूजा करते समय भगवान शिव को तुलसी के पत्ते चढ़ाने की गलती कर बैठते हैं। कहा जाता है कि तुलसी के पत्ते कभी भी भगवान शिव और गणेश को नहीं चढ़ाना चाहिए। अगर आप भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो उन्हें हमेशा बेल पत्र ही चढ़ाएं। वहीं, आप भगवान गणेश को दूर्वा चढ़ा सकते हैं।
वैसे भगवान को पका हुआ भोजन ही अर्पित करना चाहिए। हालांकि भोग लगाने के बाद आप स्वयं इस प्रसाद को ग्रहण न करें बल्कि पहले इस प्रसाद को किसी गाय को दान कर दें। गाय को भोग लगाने के बाद आप स्वयं प्रसाद ले सकते हैं। कहते हैं गाय को भोजन कराने से देवी-देवता बहुत प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहती है।