AstroVed Menu
AstroVed
search
HI language
x
cart-added The item has been added to your cart.
x

इन राशि के लोगों पर बनी रहती है शनि की कृपा, मिलता है अधिक लाभ

शनि ग्रह नवग्रहों में सातवें स्थान पर है। शनि मर्दाना ऊर्जा का ग्रह है। वह मकर और कुंभ राशियों का स्वामी है, जो जन्म कुंडली में दसवें और ग्यारहवें स्थान पर है। भगवान शिव शनि ग्रह के अधिष्ठाता देवता हैं। शनि बहुत धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। सभी 12 राशियों की यात्रा करने में लगभग 29.5 वर्ष लगते हैं। शनि एक राशि में लगभग 2.5 वर्ष तक रहता है। शनिदेव को शनिदेव, रविनंदन, शनिश्वर और शनि भगवान जैसे नामों से भी जाना जाता है। शनि की पूजा के लिए शनिवार का दिन सर्वोत्तम माना गया है। शनि को काले तिल, तिल का तेल चढ़ाया जाता है। कई भक्त विकलांगों और गरीबों को कपड़े, भोजन भी देते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार काले और नीले रंग का संबंध शनि देव से है। नीला नीलम शनि का रत्न है। नीला नीलम मानसिक स्पष्टता प्राप्त करने में मदद करता है, भ्रम को दूर करता है और व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।

शनि एक शक्तिशाली ग्रह है जिसमें बाधा डालने, नष्ट करने और दबाने की शक्ति है। शनि तपस्या, दीर्घायु, वृद्धावस्था, एकाग्रता और ध्यान, अनुशासन, प्रतिबंध और कष्टों का प्रतिनिधित्व करता है। वह बुढ़ापा, मृत्यु और बीमारी का कारक है। लेकिन शनि कुंडली के अनुसार प्रत्येक राशि पर अपना एक विषेष प्रभाव भी डालते है। कुछ राशियां ऐसी है जिन पर शनिदेव की कृपा सदैव बनी रहती है। आइए ऐसी राशियों को जाने जिन्हे शनि देव की कृपा प्राप्त है।

 वृषभ

राशिचक्र की दूसरी राशि वृषभ पर भी शनिदेव की विशेष कृपा रहती है। वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्र ग्रह है और वैदिक ज्योतिषशास्त्र के अनुसार शनिदेव वृषभ राशि के जातकों पर हमेशा ही अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इतना ही नहीं वृषभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती और ढय्या का भी कम ही प्रभाव होता है।

 तुला

तुला राशि शनिदेव की उच्च राशि मानी जाती है। जिसमें शनिदेव सदैव ही शुभ रहते हैं। अगर तुला राशि के जातकों की कुंडली में शनि शुभ ग्रह के साथ अच्छे स्थान पर बैठ जाते हैं तो बहुत वे बहुत ही अच्छे शुभ फल प्रदान करते हैं। इस राशि के जातकों को कभी भी ज्यादा दिनों तक कष्ट नहीं झेलने पड़ते हैं।

 धनु

धनु राशि का स्वामी देवों के गुरु बृहस्पति को माना जाता है। शनि और गुरु ग्रह की आपसी मित्रता का का लाभ इस राशि के जातकों में मिलता है। यही कारण है कि शनिदेव हमेशा धनु राशि के जातकों पर मेहरबान रहते हैं। धनु राशि के जातकों को शनिदेव सुख-समृद्धि और धन दौलत प्रदान करते हैं। वे इस राशि के जातकों को अधिक लाभ प्रदान करते है और दरिद्रता दूर करते है।

 मकर

मकर राशि शनिदेव की प्रिय राशियों में एक राशि है, क्योंकि इस राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब शनिदेव गोचर करते हैं तो कुछ राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाती है तो कुछ से खत्म हो जाती है। मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती होने पर शनिदेव ज्यादा कष्ट नहीं देते हैं। मकर राशि के जातक शनिदेव की पूजा करने पर जल्दी प्रसन्न होकर उन्हें शनिदोष से मुक्ति कर देते हैं।

नवीनतम ब्लॉग्स

  • ज्योतिषी के साथ पहली मुफ्त बातचीत, तुरंत जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त करें)
    कभी-कभी, जब हम जीवन में समस्याओं का सामना करते हैं, तो हम अपने आसपास के लोगों से ही समाधान और दिशाएँ ढूँढ़ते हैं। हम परिवार के सदस्यों, दोस्तों, गुरुओं और यहाँ तक कि ज्योतिषियों से भी बात कर सकते हैं। ज्योतिष हमेशा से ही जीवन में मार्गदर्शन चाहने वाले कई लोगों के लिए एक विश्वसनीय […]13...
  • September MASIK RASHIFAL : MASIK RASHIFAL FOR ALL RASHI IN HINDI | राशिफल मासिक राशिफल सितम्बर
    मेष मेष राशि के जातकों के लिए, सितंबर 2025 मिले-जुले अनुभवों वाला महीना है। रिश्तों के मोर्चे पर, भावनात्मक कठिनाइयाँ आ सकती हैं। जिन लोगों का चंद्रमा मेष राशि में है, उनके लिए सितंबर का महीना रिश्तों में भावनाओं से जुड़ी चुनौतियाँ लेकर आ सकता है। सितंबर करियर के क्षेत्र में प्रगति का महीना है। […]13...
  • लाफिंग बुद्धा के 12 प्रकार और उनके अर्थ
    फेंगशुई और वास्तुशास्त्र में हँसते हुए बुद्ध (स्ंनहीपदह ठनककीं) को सौभाग्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। घर या कार्यालय में इन्हें रखने से न केवल वातावरण खुशनुमा बनता है, बल्कि धन, शांति और सुख का वास होता है। हँसते हुए बुद्ध की अलग-अलग मुद्राओं और रूपों का अलग-अलग महत्व है।   […]13...