हिंदु धर्म में नवरात्रि एक महत्वपूर्ण त्योहार है, इस दौरान कई लोग व्रत रखकर देवी के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हैं। यह लेख नवरात्रि उपवास के नियमों और नवरात्रि व्रत को करने या पालन करने के तरीकों से आपको अवगत करवाने का कार्य करेगा। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त नवरात्रि का उपवास करते हैं उन्हें पृथ्वी पर सुख और मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ती होती है। नवरात्रि व्रतों के दौरान कुछ नियमों और अनुष्ठानों का पालन किया जाता है। कहा जाता है कि नवरात्रि व्रत का पालन कैसे किया जाता है, यह एक बार देवी दुर्गा ने अपने एक भक्त को बताया था। पुरुषों और महिलाओं दोनों द्वारा किये जाने वाले व्रत और एक नवरात्रि मंत्र को इस अवधि के दौरान दोहराया जाता है।

– मांसाहारी भोजन वर्जित है।
– धूम्रपान, शराब और अन्य नशीला पदार्थों का सेवन न करें।
– इस अवधि के दौरान बाल, दाढ़ी, मूंछ, शरीर के बाल और नाखूनों की कोई कटिंग या शेविंग नहीं करना।
– लहसुन और प्याज से पूरी तरह परहेज करें।
– आपको चमड़े से बनी पोशाक, बेल्ट, जूते, चप्पल नहीं पहनना चाहिए।
– कुछ क्षेत्रों में नमक से परहेज किया जाता है। कुछ लोग सभी प्रकार के अनाज से भी परहेज करते हैं।
– ऐसी सामग्री देखने या पढ़ने से बचें जो आपके अनुशासन को भंग करे।
– नौ दिनों के दौरान काले रंग की पोशाक नहीं पहननी चाहिए।
आप सभी नौ दिन उपवास कर सकते हैं।
कोई भी तीन दिन – आप तीन दिन तय कर सकते हैं।
केवल अष्टमी (आठवीं) और नवमी (नौवीं) को भी व्रत कर सकते हैं
नवरात्रि व्रत रखने के कई तरह के तरीके माने जाते हैं, कुछ लोग इन व्रतों को अपने अनुसार अलग – अलग तरीके से करते हैं। लेकिन नवरात्रि व्रत को करने के लिए कुछ खास तरह के व्रत करने के नियम निर्धारित है। आइए इन नियमों के बारे में जानें!
– पूर्णव्रत – नवरात्रि व्रत के इस तरीके में पूरे नौ दिनों तक निराहार रहकर व्रत किया जाता है।
– अर्धव्रत – व्रत के इस प्रकार में नौ दिनों तक सिर्फ एक समय भोजन करके व्रत का पालन किया जाता है।
– फलाहार – नवरात्रि व्रत के इस तरीके में पूरे नौ दिनों तक सिर्फ एक समय फल खाकर व्रत किया जाता है।
– दूध आधार – कुछ लोग नवरात्रि के पूरे व्रत में सिर्फ दूध का ही सेवन करते हैं।
पूरे नौवें दिन तक नवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दौरान लोग सुबह-शाम स्नान करते हैं और कुछ लोग तो सुबह स्नान के बाद ही पानी पीते हैं। अधिकांश भक्त दिन में केवल एक बार भोजन करते हैं। मांसाहारी भोजन से पूरी तरह परहेज किया जाता है। कुछ लोग नौ दिनों के दौरान दूध और फलों तक ही सीमित रहते हैं। कुछ भक्त केवल तीन दिनों के दौरान उपवास रखते हैं, पहला उपवास पहले तीन दिनों में से किसी एक के दौरान और दूसरा उपवास अगले तीन दिनों में से किसी एक के दौरान और अंतिम तीन दिनों में से किसी एक में रहता है।