भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा, आत्मबल और युद्ध के कारक के रूप में माना गया है। लेकिन जब कुंडली में मंगल दोष होता है, तो यह व्यक्ति के जीवन में उग्रता, क्रोध, वैवाहिक समस्याएं, रक्त विकार, दुर्घटनाएं और कानूनी विवाद जैसे संकट ला सकता है। मंगल दोष के निवारण के लिए कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें से एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय है।
तीन मुखी रुद्राक्ष एक ऐसा दिव्य मोती होता है जिसमें तीन रेखाएं होती हैं जो इसे तीन मुखों का रूप देती हैं। यह रुद्राक्ष भगवान अग्निदेव का प्रतीक होता है और इसका संबंध त्रिलोकों दृ स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल दृ से जोड़ा जाता है। यह रुद्राक्ष शरीर की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर आत्मविश्वास, साहस और मानसिक शांति प्रदान करता है।
मंगल दोष से पीड़ित लोगों के लिए क्यों लाभकारी है तीन मुखी रुद्राक्ष?
मंगल दोष से पीड़ित व्यक्ति प्रायः क्रोधी, चिड़चिड़े, आक्रामक और अस्थिर होते हैं। तीन मुखी रुद्राक्ष ऐसे सभी भावनात्मक असंतुलनों को नियंत्रित करने की क्षमता रखता है।
क्रोध और हिंसक प्रवृत्तियों को शांत करता है
आत्मविश्वास और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है
रक्त से संबंधित रोगों में राहत देता है
विवाह से जुड़ी बाधाओं को दूर करता है
पुराने पापों और कर्मबन्धनों से मुक्ति दिलाता है
इस प्रकार यह रुद्राक्ष मंगल दोष की नकारात्मकता को कम करने में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
1. शुद्धि
रुद्राक्ष को धारण करने से पहले उसे गंगाजल, कच्चे दूध और शुद्ध जल से अच्छी तरह धोकर शुद्ध करें।
2. मंत्र जाप
रुद्राक्ष को धारण करते समय नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करेंरू
ओम क्लीं नमः
या
ओम अग्नि देवाय नमः
3. शुभ समय
यह रुद्राक्ष मंगलवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त या अभिजीत मुहूर्त में धारण करें।
4. धारण स्थान
इसे गले में लाल धागे या चांदी/तांबे की चेन में पहन सकते हैं। इसे दाहिने हाथ की कलाई में भी धारण किया जा सकता है।
विशेष लाभ
छात्र इसे एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पहन सकते हैं।
जो लोग बार-बार दुर्घटनाओं या कानूनी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें यह रुद्राक्ष विशेष रूप से लाभ देता है।
वैवाहिक जीवन में तनाव या विवाह में विलंब हो तो यह मंगल दोष के कारण होता है, और यह रुद्राक्ष उस दोष को दूर करने में मदद करता है।
सावधानियां
रुद्राक्ष को धारण करते समय सात्विक जीवनशैली अपनाएं
मांस-मदिरा और अशुद्ध व्यवहार से बचें।
रुद्राक्ष को रोजाना साफ और पवित्र रखें।
स्नान करते समय या किसी अपवित्र स्थान पर रुद्राक्ष को निकाल देना चाहिए।
तीन मुखी रुद्राक्ष न केवल मंगल दोष को शांत करने का प्रभावशाली उपाय है, बल्कि यह व्यक्ति के संपूर्ण जीवन में आत्मिक और मानसिक विकास भी करता है। यह अग्निदेव की तरह हमारे भीतर की नकारात्मकताओं को जलाकर शुद्ध ऊर्जा का संचार करता है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है या आप बार-बार असंतुलन, क्रोध, और असफलताओं का सामना कर रहे हैं, तो तीन मुखी रुद्राक्ष को अपनाना आपके लिए एक सटीक और शुभ निर्णय हो सकता है।