शादी की योजना बनाने में कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, और शुभ तिथि का चयन करना सर्वोपरि होता है, खासकर उन संस्कृतियों में जहाँ ज्योतिष और अंकशास्त्र पर जोर दिया जाता है। मार्च 2025 में शुभ नक्षत्रों के तहत विवाह बंधन में बंधने की चाहत रखने वाले जोड़ों के लिए कई अनुकूल तिथियां हैं।
मार्च 2025 में शुभ विवाह तिथियां –
हिंदू ज्योतिष के अनुसार, मार्च 2025 में निम्नलिखित तिथियाँ विवाह समारोहों के लिए शुभ मानी जाती हैं।
1 मार्च, 2025 (शनिवार) – 1 मार्च को सुबह 6:38 बजे से 2 मार्च को सुबह 6:37 बजे तक का मुहूर्त।
2 मार्च, 2025 (रविवार) – 6ः37 बजे से 11ः44 बजे तक का मुहूर्त।
6 मार्च, 2025 (गुरुवार) – 6 मार्च को सुबह 8ः31 बजे से 7 मार्च को सुबह 6ः30 बजे तक का मुहूर्त।
7 मार्च, 2025 (शुक्रवार) – 6ः30 बजे से 10ः02 बजे तक का मुहूर्त।
12 मार्च, 2025 (बुधवार) – 6ः21 बजे से 9ः12 बजे तक का मुहूर्त।
ये तिथियाँ नक्षत्रों (चंद्र राशि) और तिथियों (चंद्र दिनों) के अनुकूल संरेखण के आधार पर पहचानी जाती हैं, जिन्हें विवाह के लिए शुभ समय निर्धारित करने में आवश्यक कारक माना जाता है।
सांस्कृतिक विचार
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सांस्कृतिक मान्यताएँ विवाह की तिथियों के चयन को प्रभावित कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, किंग मिंग (4 अप्रैल, 2025) के आसपास की अवधि को पारंपरिक रूप से कुछ संस्कृतियों में शादियों के लिए अशुभ माना जाता है। विशेष रूप से, स्वीप टॉम्ब अवधि (किंग मिंग से 10 दिन पहले) और पूरा तीसरा चंद्र महीना (25 मार्च – 27 अप्रैल, 2025) आमतौर पर शादियों के लिए टाला जाता है।
ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि
ज्योतिषी ग्रहों की स्थिति के आधार पर शुभ तिथियों पर मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, 3 मार्च, 2025 (03.03) जैसी तिथियाँ अपनी दोहराई जाने वाली संख्याओं के लिए जानी जाती हैं, जो एकता और साझेदारी का प्रतीक हैं। कई संस्कृतियों में, संख्या तीन रचनात्मकता और विकास से जुड़ी होती है, जो एक संपन्न विवाह के लिए शुभ हो सकती है।
मार्च 2025 में शुभ विवाह तिथि का चयन करने में ज्योतिषीय संरेखण, सांस्कृतिक विश्वास और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर विचार करना शामिल है। ऊपर बताई गई तिथियों को विभिन्न स्रोतों के आधार पर अनुकूल माना गया है। हालांकि, यह सुनिश्चित करने के लिए कि चुनी गई तिथि व्यक्तिगत मान्यताओं और परंपराओं के अनुरूप है, स्थानीय ज्योतिषी या सांस्कृतिक विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित है।