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चंद्र राशि मिथुन के लिए राहु-केतु का गोचर भविष्यफल

राहु :

इस अवधि में राहु आपकी चंद्र राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेगा तथा केतु अष्टम भाव में रहेगा।द्वितीय भाव परिवार, आर्थिक स्थिति, बातचीत करने का तरीका, व्यवहार, मित्रता तथा आहार आदि से संबंधित है जबकि अष्टम भाव आयु, आकस्मिक परिवर्तन व बाधा, टैक्स, पैतृक संपति तथा कार्यक्षेत्र में परिवर्तन आदि का प्रतीक है।

इस अवधि में राहु आपकी चंद्र राशि से द्वितीय भाव में गोचर करेगा। राहु की यह स्थिति आपको औसत फल प्रदान करेगी। पारिवारिक सदस्यों के जीवन में आ रही अप्रत्याशित बाधाओं से आप तनाव ग्रस्त रह सकते हैं। आर्थिक लेन-देन को लेकर सतर्क रहें क्योंकि आपका धन अनावश्यक रूप से ख़र्च हो सकता है।

वार्तालाप के समय गलत भाषा का प्रयोग आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है इसलिए अपनी सीमाओं को न लाँघे। संवेदनशील मुद्दों पर खुलेआम चर्चा करने से बचें। असमय भोजन करने से आप सुस्ती महसूस कर सकते हैं।

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इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-

  • आपका घरेलू जीवन तनावपूर्ण रहने की संभावना है।
  • अपने ख़र्चों पर आपको निगाह रखनी होगी।
  • गलत भाषा का प्रयोग करने से बचें।
  • कार्य करते समय आपको व्यावहारिक कुशलता रखनी होगी।
  • सही समय पर भोजन करना आपके लिए आवश्यक है।
  • केतु :

    इस अवधि में केतु आपकी चंद्र राशि से अष्टम भाव में गोचर करेगा। केतु की यह स्थिति मिलीजुली रहेगी। बे-वजह की बातचीत और परनिंदा से दूर रहें। ध्यान का अभ्यास करें इससे आप अपनी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

    कार्यक्षेत्र में कोई नया अवसर मिलने से आपको लाभ हो सकता है। शुभावसरों पर अप्रत्याशित उपहार मिलने से आप आश्चर्यचकित हो सकते हैं। यह समय अपने परिवार के लिए बीमा सुरक्षा करवाने का है।

    इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-

  • व्यर्थ की अफवाहों और बातचीत से दूर रहें।
  • ध्यान का अभ्यास करें।
  • इस अवधि में आपको रोजगार के नए अवसर मिल सकते हैं।
  • आपको बहुमूल्य उपहार प्राप्त हो सकते हैं।
  • इस समय पर बीमा सुरक्षा करवाना आपके लिए उचित रहेगा।
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