इस अवधि में राहु आपकी चंद्र राशि वाले भाव से गोचर करेगा तथा केतु आपकी चंद्र राशि से सप्तम भाव में रहेगा।पहला भाव आकृति, शारीरिक बनावट, भविष्य तथा संपूर्ण जीवन को सूचित करता है।सप्तम भाव विवाह, अनुबंध तथा साझेदारी को दर्शाता है।इस अवधि में राहु आपकी चंद्र राशि से प्रथम भाव में रहेगा। राहु की यह स्थिति आपको मध्यम फल प्रदान करेगी।आपकी अंतर्ज्ञान शक्ति में वृद्धि होगी और आप आसानी से कार्यों को पूरा कर सकेंगे।इस दौरान आपको अपने कार्यक्षेत्र को लेकर विदेश जाने के अवसर प्राप्त हो सकते हैं और इस प्रकार के मौके आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।भौतिकतावादी प्रवृत्तियों में आपकी रूचि अधिक रहेगी। आप अधिक धन कमाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।वहीँ दूसरी तरफ आपका अहंवादी नज़रिया जीवनसाथी के साथ आपके रिश्ते को ख़राब कर सकता है। इसलिए एक ख़ुशहाल रिश्ता बनाए रखने के लिए यह जरुरी है कि आप विनम्रता को अपनाएं।आपके लिए धैर्य का पालन करना भी आवश्यक है क्योंकि आपमें उत्तेजक प्रवृत्तियाँ बढ़ने की भी संभावना रहेगी।आवेगशीलता आप में मौजूद रहेगी जिसकी वजह से आप गलत निर्णय ले सकते हैं।

इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-
इस अवधि में केतु आपकी चंद्र राशि से सप्तम भाव में गोचर करेगा।केतु की यह स्थिति आपको औसत परिणाम प्रदान करेगी। इस गोचर के दौरान आपके नए संपर्क बन सकते हैं।आप इस बात का एहसास करने की स्थिति में होंगे कि कौन अच्छा है और कौन बुरा है?आप आध्यात्मिक गतिविधियों से संबंधित यात्रा करने के लिए समय निकाल लेंगे और यह आपको संतुष्टि प्रदान करेगा।दूसरी ओर जीवन साथी के साथ उत्तम रिश्ते बनाए रखने में आप स्वयं को असक्षम महसूस करेंगे। आपके अंदर वैराग्य भाव पैदा हो सकते हैं तथा इस प्रकार महसूस होगा कि सामान्य दिनचर्या वाले जीवन से भी ज्यादा कुछ है।इस गोचर के दौरान आपको नए व्यापारिक सौदों से बचना चाहिए।इस गोचर के दौरान आप अपने मित्रों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध कायम करने की स्थिति में नहीं रहेंगे।
इस अवधि में आपको निम्नलिखित परिणाम अनुभव हो सकते हैं:-