पूर्वाभाद्रपद (20°00 कुंभ राशि से 3°20′ मीन राशि तक)
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र पेगासस तारा समूह में स्थित है| इसमें मर्काब (अल्फा पेगास) व स्कीट (बीटा पेगासी) नामक दो तारों का समावेश है| अंतिम संस्कार की खाट के अग्रिम पैर पूर्वाभाद्रपद के प्रतीक हैं जो इस नक्षत्र का अग्नि तत्व के साथ एक मजबूत संबंध इंगित करते हैं| पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा लोग स्वतंत्र प्रवृति के होते हैं तथा एक उच्च उद्देश्य हेतु स्वयं का त्याग करने के लिए तैयार रहते हैं। समाज के उत्थान हेतु वे अक्सर आदर्शवादी लक्ष्य व आकांक्षाएं रखते हैं। यह नक्षत्र प्रतिभा और वाक्पटु वाणी प्रदान करता है जिसे प्रेरणा देने व शिक्षित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है| ऐसे लोगों की आलोचक या निंदक बनने की प्रवृत्ति भी हो सकती है| पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में उत्पन्न लोगों के अंदर तीव्रता व परिवर्तन की बेहद मजबूत क्षमता हो सकती है। यह नक्षत्र ज़बरदस्त दृढ़ता से संबंधित है।
सामान्य विशेषताएँ: बुद्धिमान विद्वान, पैसे कमाने में कुशल
अनुवाद: “जिसके पाँव भाग्यशाली हों”
प्रतीक: एक तलवार, एक बिस्तर के दो पैर या एक अंतिम संस्कार हेतु शैय्या या दो मुख वाला व्यक्ति
पशु प्रतीक: एक शेर
अधिपति देव: अजैकपाद, एक पैर वाला बकरा
शासक ग्रह: गुरु
गुरु ग्रह के अधिपति देव: शिव
प्रकृति: मनुष्य(मानव)
ढंग: दब्बू
संख्या: 25
लिंग: पुरुष
दोष: वात
गुण: सात्विक
तत्व: आकाश
प्रकृति: उग्र
पक्षी: तैरनेवाली चिड़ियॉ
सामान्य नाम: आम
वानस्पतिक नाम: माँगीफेरा इंडिका
बीज ध्वनि: से, सो, दा, दि
ग्रह से संबंध: कुंभ राशि के स्वामी के रूप में शनि इस नक्षत्र से संबंधित है जो अनुशासन प्रदान करता है| मीन राशि के चौथे पद में केतु एक विनाशकारी गुण देता है|
प्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पद कहते हैं| पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के विभिन्न पदों में जन्म लेने वाले लोगों के अधिक विशिष्ट लक्षण होते हैं:
पद:
प्रथम पद | कुंभ राशि का 20°00′ – 23°20′ भाग मंगल ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: से सूचक शब्द: दृढ़ संकल्प |
द्वितीय पद | कुंभ राशि का 23°20′ – 26°40′ भाग शुक्र ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: सो सूचक शब्द: संतुष्टि |
तृतीय पद | कुंभ राशि का 26°40′ – 30°00′ भाग बुध ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: दा सूचक शब्द: वाणी |
चतुर्थ पद | मीन राशि का 00°00′ – 3°20′ भाग चंद्र ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: दि सूचक शब्द: पीड़ा |
शक्ति: अद्वितीय, सनकी, उन लोगों को समर्पित जो उसे प्रभवित करते हैं, विद्वतापूर्ण, मजाकिया, उत्तम तार्किक कौशल, चतुराई के माध्यम से समृद्धि, रहस्यमय प्राणी, लोगों को पढ़ने में अच्छा, सरकार तथा अमीर या कार्यकारी लोगों से धन प्राप्त करने वाला, किफायती; खुश रहने वाला, दीर्घायु, एक अमीर परिवार में शादी कर सकता है या पैदा हो सकता है, आध्यात्मिक गहनता, एक योद्धा, सहज बोध युक्त, जुनूनी, उत्तम वक्ता, एक आय कमाने में कुशल, दूरदर्शी आदर्शवादी, सार्वभौमिक लक्ष्यो वाला, अन्याय के विरुद्ध लड़ने वाला, प्रचारक, अच्छा लेखक, कल्पनाशील, आत्मनिर्भर, मजबूत
कमजोरियाँ: निराशावादी, थोड़ा अजीब, उदास, नाराज, आवेगपूर्ण, कई गंभीर बातचीत, अनेक बार निवास स्थल में परिवर्तन करने वाला, योजना बनाने में निर्बल, जीवनसाथी द्वारा शासित, चिंताग्रस्त, ख़राब स्वास्थ्य वाला, अति गंभीर , अति भावुक, उदार नहीं, संदेहास्पद मन वाला
कार्यक्षेत्र: व्यापार, प्रशासन, अनुसंधान, सांख्यिकीविद्, ज्योतिषी, पुजारी, तपस्वी, ताबूत निर्माता, कब्रिस्तान की देखभाल करने वाले, शल्य चिकित्सक, चिकित्सा-व्यवसायी, मनोचिकित्सक, कट्टरपंथि, भूतिया या रहस्यमय कहानियों के लेखक, हथियार निर्माता, काला जादू करने वाले, चमड़े का उद्योग, मानववध के जांचकर्ता, धातु उद्योग, अग्नि संबंधी व्यवसाय, जहरीले पदार्थ से जुड़े कार्य
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्में प्रसिद्ध लोग: मार्टिन लूथर किंग, माइकल जैक्सन, मैडम क्यूरी, ग्रूको मार्क्स, रॉबर्ट डीनिरो, ओजे सिम्पसन
अनुकूल गतिविधियां: खतरनाक कार्य, जोखिम लेना, यांत्रिक या तकनीकी गतिविधियाँ, अंतिम संस्कार से जुडी सेवाएं, मृत्यु से संबंधित मुद्दे, कृषि, जल संबंधी कार्य, कार्यों को संपन्न करना
प्रतिकूल गतिविधियां: नई शुरुआत या आरंभ, यात्रा, विवाह या सेक्स, अधिकारियों से व्यवहार करना, सरकारी मामले
पवित्र मंदिर: रंगनाथपुरम श्री कामाक्षी सामेधा थिरु आणेश्वर मंदिर
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र दिव्य रूप से रंगनाथपुरम श्री कामाक्षी सामेधा तिरु आणेश्वर मंदिर से जुड़ा हुआ है। यह पवित्र मंदिर रंगनाथपुरम में स्थित है जो भारत के तमिलनाडु में तिरुक्कात्तुप्पल्ली के निकट है। जो लोग पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा हुए हैं उन्हें अपने जीवनकाल में एक बार इस पवित्र स्थल के दर्शन करके यहाँ पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए|
संख्याओं के गूढ़ अध्ययन से जुड़ा अंक शास्त्र पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र व इस पवित्र स्थल के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र की संख्या 25 वीं है| इसमें चंद्रमा संख्या 2 का प्रतिनिधित्व करता है जबकि बुध संख्या 5 का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार बुध चंद्रमा का पुत्र है। चंद्रमा मन का प्रतीक है जबकि बुध बुद्धिमता को दर्शाता है| अंक शास्त्र के नियमों को लागू करने से संख्या 25 का योग 7 (2 +5 = 7) होता है|
संख्या 7 हाथी से संबंधित है| यह श्री कामाक्षी देवी का प्रतीकात्मक रूप है जो संसार की माता के रूप में सात हाथियों से सजे वाहन पर विराजमान होकर प्रकट हुई थी| संख्या 7 इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सात मूर्तियां (मूर्ति) इस मंदिर में एक बेल के वृक्ष से प्रकट हुई थी| थिरु आणेश्वर इन सात देवताओं की प्रतिमा में से एक थी| थिरु आनम का अर्थ “सात रंगीन इंद्रधनुष” है| इस मंदिर में इंद्रधनुष के दर्शन प्राप्त करने के लिए यह एक अनुकूल चिन्ह है। इस प्रकार इस मंदिर का नाम श्री कामाक्षी व थिरु आणेश्वर जी के नाम पर उचित रखा गया है|
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में पैदा लोग इस मंदिर में आकर सात दिनों तक पूजा-अर्चना कर सकते हैं तथा प्रतिमाओं को सात मालाएं अर्पित करके केले, शहद, घी व चीनी द्वारा अभिषेक कर सकते हैं| इससे सात जन्मों की कार्मिक पीडाओं को नष्ट करने में मदद मिलेगी| इसके अतिरिक्त पैतृक शाप का शमन करने के लिए इस मंदिर में सात रंग के वस्त्र दान करने की सलाह दी जाती है|
अन्य नक्षत्रों में जन्मे लोग भी इस मंदिर के दर्शन करके लाभान्वित होंगे। वे इस पवित्र स्थल पर जाकर लगातार सात दिनों तक पूजा-अर्चना कर सकते हैं। इस मंदिर में किए गए ध्यान, चिंतन व योग द्वारा लाभकारी परिणाम प्राप्त होंगे तथा कार्यक्षेत्र से संबंधित समस्याओं से निपटने में सहायता मिलेगी। इस पवित्र स्थल पर सात हाथियों की पूजा करके सात जन्मों से जुड़े बुरे कर्मों को नष्ट किया जा सकता है|
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में जन्में लोगों के लिए वेदों द्वारा निर्धारित धूप आम नामक जड़ी-बूटी से निर्मित है|
इस धूप को जलाना उस विशिष्ट नक्षत्र हेतु एक लघु यज्ञ अनुष्ठान करने के समान है| एक विशिष्ट जन्मनक्षत्र के निमित किए गए इस लघु अनुष्ठान द्वारा आप अपने ग्रहों की आन्तरिक उर्जा से जुड़कर सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे|
एक विशिष्ट नक्षत्र दिवस पर अन्य नक्षत्र धूपों को जलाने से आप उस दिन के नक्षत्र की ऊर्जा से जुड़कर अनुकूल परिणाम प्राप्त करते हैं| आपको यह सलाह दी जाती है कि आप कम से कम अपने व्यक्तिगत नक्षत्र से जुड़ी धूप को प्रतिदिन जलाएं ताकि आपको उस नक्षत्र से जुड़ी सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती रहे|
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