रुद्राक्ष को भगवान शिव का आशीर्वाद माना जाता है, और इसके विभिन्न मुख अलग-अलग देवताओं एवं ग्रहों से जुड़े होते हैं। 12 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से भगवान सूर्य का प्रतीक है। यह तेज, ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता का प्रतीक माना जाता है। जो व्यक्ति इसे धारण करता है, उसके व्यक्तित्व में अद्भुत आकर्षण और […]
अधिक पढ़ें →भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। गुरु न केवल शिक्षा का स्रोत हैं, बल्कि वे आत्मज्ञान, भक्ति, नीति और धर्म की दिशा भी दिखाते हैं। गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु, गुरु देवो महेश्वरः जैसे श्लोकों में गुरु को त्रिदेवों के समान माना गया है। गुरु की महिमा को श्रद्धापूर्वक समर्पित एक अत्यंत […]
अधिक पढ़ें →कृष्ण जन्माष्टमी, जिसे गोकुलाष्टमी या कृष्णाष्टमी भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की स्मृति में मनाया जाने वाला एक अत्यंत पावन पर्व है। यह दिन हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह पर्व अत्यंत शुभ योगों के साथ मनाया जाएगा। कृष्ण […]
अधिक पढ़ें →भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहारों का विशेष स्थान है। इन्हीं में से एक अत्यंत महत्वपूर्ण और फलदायक व्रत है वरलक्ष्मी व्रत। यह व्रत मुख्य रूप से दक्षिण भारत में विशेष श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है, विशेषकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में। इस दिन महिलाएं माता लक्ष्मी की विशेष आराधना […]
अधिक पढ़ें →महालय पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहते हैं, हिन्दू पंचांग के अनुसार वह पवित्र काल होता है जब पितृगण पृथ्वी पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण और श्राद्ध को ग्रहण करते हैं। यह पक्ष पूर्णिमा के बाद भाद्रपद शुक्ल से अश्विन कृष्ण अमावस्या तक चलता है। वर्ष 2025 में महालय पक्ष […]
अधिक पढ़ें →श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक, महालय पक्ष हिंदू धर्म में एक अत्यंत पवित्र समय माना जाता है। यह समय उन दिवंगत पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का होता है, जिनके बिना हमारा अस्तित्व अधूरा होता। जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करता है और पितृलोक का द्वार खुलता है, तब शुरू होता है श्राद्ध […]
अधिक पढ़ें →रक्षाबंधन सिर्फ एक धागा नहीं, बल्कि बहन-भाई के रिश्ते की एक आत्मिक डोर है जो हर साल सावन पूर्णिमा के दिन और भी मजबूत होती है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए राखी बांधती है और भाई उसे प्यार, सुरक्षा और उपहारों का वचन देता है। लेकिन हर बार वही घड़ी, […]
अधिक पढ़ें →गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख और अत्यंत हर्षोल्लास से मनाया जाने वाला पर्व है, जो भगवान श्री गणेश के जन्मोत्सव के रूप में दस दिनों तक मनाया जाता है। इन दस दिनों में भक्तगण पूरे श्रद्धा और प्रेम से भगवान गणेश को अपने घरों, मंदिरों और पंडालों में स्थापित करते हैं, उनकी पूजा-अर्चना करते […]
अधिक पढ़ें →हर साल जब भाद्रपद की अष्टमी तिथि नजदीक आती है, तो हर कृष्ण भक्त के हृदय में एक विशेष आनंद की लहर दौड़ जाती है। ये वो समय होता है जब संपूर्ण वातावरण श्रीकृष्णमय हो जाता है। मंदिरों में रासलीलाएं, घरों में भजन-कीर्तन, झूले में झूलते लड्डू गोपाल, और माखन-मिश्री से सजे भोगकृहर कोना श्रीकृष्ण […]
अधिक पढ़ें →जब घर में भगवान गणेश का आगमन होता है, तो सिर्फ मूर्ति नहीं आती कृ साथ में आता है सकारात्मकता का भाव, नई शुरुआत की ऊर्जा और भक्ति का एक पावन वातावरण। भारत के अधिकतर घरों में गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा तो होती ही है, लेकिन यदि आप सोच रहे हैं […]
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