7 जून 2025 से लेकर 28 जुलाई 2025 तक, मंगल ग्रह सिंह राशि में प्रवेश करेगा और वहीं पर केतु से युति बनाएगा। यह गोचर न केवल व्यक्तिगत जीवन में उथल-पुथल लाएगा बल्कि वैश्विक स्तर पर भी राजनीतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक परिवर्तन की शुरुआत करेगा।
यह संयोग एक हेडलेस वॉरियर यानी बिना दिशा की शक्ति की तरह काम करता है। जहां शक्ति बहुत है लेकिन मार्गदर्शन और विवेक की कमी हो सकती है।
मंगल और केतु – ग्रहों की प्रकृति
मंगल – ऊर्जा, साहस, आक्रोश, युद्ध, निर्णय
जीवन के भौतिक पक्ष को दर्शाता है – जमीन, संपत्ति, शरीर
केतु – मोक्ष, रहस्य, भ्रम, आत्मा की यात्रा
माया से मुक्ति और आध्यात्मिक जागरण का प्रतीक
जब ये दोनों ग्रह सिंह राशि में मिलते हैं, जो स्वयं सूर्य की अग्नि और अहंकार की राशि है, तो यह संयोग अत्यंत तीव्र, उग्र और अज्ञात फल देने वाला बन जाता है।
खगोलीय घटना की तिथि और अवधि
मंगल का सिंह राशि में प्रवेश – 7 जून 2025
मंगल-केतु की युति – 7 जून से 28 जुलाई 2025
युति की अवधि – लगभग 52 दिन
इस युति का सामूहिक प्रभाव
सकारात्मक पक्ष –
पुरानी बाधाओं को तोड़ने की शक्ति
आध्यात्मिक रूपांतरण और ध्यान में गहराई
जोखिम लेकर नई शुरुआत करने का समय
नकारात्मक पक्ष
गुस्सा, अहंकार और अप्रत्याशित निर्णय
दुर्घटनाएं, हिंसा या युद्ध जैसे माहौल
संबंधों में दरार या ब्रेकअप
मेष
रचनात्मकता और साहस बढ़ेगा। प्रेम जीवन में नयापन आएगा, परन्तु विवाद से बचें।
वृषभ
गृह क्लेश और पारिवारिक असंतुलन संभव है। जमीन या संपत्ति से जुड़े विवाद हो सकते हैं।
मिथुन
आपकी वाणी तीखी हो सकती है। भाई-बहनों से संबंधों में सावधानी रखें। यात्राएं थकाने वाली होंगी।
कर्क
आर्थिक हानि के संकेत हैं। निवेश में सतर्कता बरतें। क्रोध से रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
सिंह
आपकी राशि में यह युति हो रही है। व्यक्तित्व में उग्रता, आत्मबल बढ़ेगा लेकिन स्वास्थ्य और रिश्तों में गिरावट संभव है।
कन्या
छुपे शत्रु सक्रिय होंगे। नींद और मानसिक शांति भंग हो सकती है। ध्यान और साधना से राहत मिलेगी।
तुला
दोस्तों से तनाव, सोशल नेटवर्क में विवाद संभव है। ऑनलाइन छवि पर ध्यान दें।
वृश्चिक
नौकरी में बदलाव या स्थानांतरण के योग। बॉस से मतभेद हो सकते हैं। धैर्य रखें।
धनु
धार्मिक मामलों में उलझन। कानूनी झंझट या यात्रा में परेशानी संभव है।
मकर
कर्ज, टैक्स या बीमा संबंधित मामलों में बदलाव। गुप्त दुश्मनों से सतर्क रहें।
कुंभ
साझेदारी में टकराव। विवाह संबंधी निर्णय टालें। अहंकार नुकसानदायक होगा।
मीन
स्वास्थ्य पर असर, पेट और खून से संबंधित दिक्कतें हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र में चालाकी से निर्णय लें।
मंगल बीज मंत्र – ओम क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः – 108 बार रोज इससे क्रोध व दुर्घटनाओं से रक्षा होगी
केतु मंत्र – ओम कें केतवे नमः इससे भ्रम और मानसिक उलझन से राहत मिलेगी
लाल चंदन का तिलक, हनुमान जी का पूजन करने से मंगल की ऊर्जा को सकारात्मक बनाया जा सकता है।
गायत्री मंत्र जाप और ध्यान इससे विवेक, आत्मशांति और आंतरिक शक्ति मिलेगी।
मंगल और केतु की युति 2025 एक शक्तिशाली और निर्णायक खगोलीय घटना है। यह समय आपको ऊर्जा, साहस और अवसर देगा, लेकिन साथ ही आंतरिक संतुलन और आत्मनियंत्रण की कड़ी परीक्षा भी लेगा।
जिन्हें आध्यात्मिक मार्ग की ओर बढ़ना है, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। और जिनके जीवन में निर्णय और दिशा की तलाश है, उन्हें यह युति बहुत कुछ सिखा सकती है।