AstroVed Menu
AstroVed
search
HI language
x
cart-added The item has been added to your cart.
x

जानें, सोमवार को क्‍यों की जाती है शिव पूजा

हिंदू धर्म को मानने वाले लोग सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं। हालांकि वे किसी भी अन्य दिन अपने पसंदीदा देवता से प्रार्थना कर सकते हैं, लेकिन सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व हैं। सोमवार का हिंदी अर्थ है चंद्रमा का दिन क्योंकि हिंदी में सोम का अर्थ चंद्रमा होता है। सरल शब्दों में कहें तो सोमवार चंद्रमा द्वारा नियंत्रित या शासित होता है।
Shiva worship

चंद्रमा का श्राप

सोम और शिव से जुड़ी एक बेहद दिलचस्प पौराणिक कथा है। चंद्र देव (चंद्र) ने राजा दक्ष की सभी सत्ताईस दत्तक पुत्रियों से विवाह किया। वे सत्ताईस नक्षत्रों या आकाश के तारों का प्रतिनिधित्व करती हैं। हालांकि उनका विवाह 27 राजकुमारियों से हुआ था, लेकिन चंद्र ने रोहिणी पर अधिक ध्यान दिया और इससे उनकी बहनों को गुस्सा आ गया। रोहिणी की अन्य बहनों ने अपने पिता को चंद्र के पूर्वाग्रह के बारे में बताया। प्रारंभ में, दक्ष ने चंद्र से अपनी बाकी बेटियों के साथ अन्याय न करने का अनुरोध किया, लेकिन बार-बार चेतावनी के बावजूद, बहरा वर्ष तक यह जारी रहा तो राजा दक्ष ने अपने दामाद को शाप दे दिया। दक्ष के श्राप ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया चंद्र धीरे-धीरे अपनी चमक खोने लगे और आकार में सिकुड़ने लगे। इस डर से कि उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा, चंद्र ने मदद के लिए भगवान ब्रह्मा की ओर रुख किया, जिन्होंने सुझाव दिया कि उन्हें भगवान शिव से प्रार्थना करनी चाहिए।

चंद्रमा को शिव का आशीर्वाद

चंद्र ने भगवान शिव की तब तक प्रार्थना की जब तक कि शिव उनकी भक्ति से प्रसन्न नहीं हो गए। लेकिन चूंकि प्रजापति दक्ष के श्राप ने पहले ही अपना प्रभाव दिखा दिया था, इसलिए भगवान शिव इस श्राप को पूरी तरह से रद्द नहीं कर सके और चंद्रा को धीरे-धीरे अपना रूप घटाने बढ़ाने की शक्तियों का आशीर्वाद दिया। इसलिए, पूर्णिमा आकार में बढ़ने के बाद चैदह दिनों तक लगभग घटते हुए पंद्रहवे दिन अमावस्या पर पूरी तरह नदारद हो जाते है। चूंकि भगवान शिव ने चंद्र को अपना रूप खोने से बचाया था, इसलिए उन्हें सोमनाथ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, उन्हें चंद्रशेखर भी कहा जाता है क्योंकि अर्धचंद्राकार उनकी उलझी हुई लटों को सुशोभित करते हैं। इसलिए ऐसा माना जाता है कि जो लोग सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करते हैं, उन्हें अपने सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।

सोमनाथ की स्थापना

प्रजापति दक्ष द्वारा दिये गये श्राप से मुक्ति पाने के लिए चंद्र देव ने जिस शिवलिंग की स्थापना कर वर्षों तक तपस्या की उस शिवलिंग को आज सोमनाथ के नाम से जाना जाता है। भगवान शिव के सोमनाथ स्थित शिवलिंग की पूजा आराधना से कुंडली में स्थित चंद्र से संबंधित सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है।

नवीनतम ब्लॉग्स

  • ज्योतिषीय उपायों में छुपा है आपकी आर्थिक समस्याओं का समाधान
    आज की दुनिया में, आर्थिक स्थिरता एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन के प्रमुख पहलुओं में से एक है। फिर भी कई लोग कड़ी मेहनत के बावजूद लगातार आर्थिक परेशानियों, कर्ज या बचत की कमी का सामना करते हैं। अगर यह आपको परिचित लगता है, तो इसका कारण न केवल बाहरी परिस्थितियों में बल्कि आपकी कुंडली […]13...
  • ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की भूमिका और कुंडली में प्रभाव
    भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के हर पहलू – जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान और आध्यात्मिकता पर गहरा प्रभाव डालती है।   जन्मकुंडली में ग्रहों की भूमिका जब कोई व्यक्ति जन्म लेता […]13...
  • पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व, लाभ और पहनने की विधि
    भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रुद्राक्ष को दिव्य मणि कहा गया है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष की हर मुखी के अलग-अलग गुण और प्रभाव होते हैं। इनमें से पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे आम और अत्यंत शुभ माने जाने वाले रुद्राक्षों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक […]13...