AstroVed Menu
AstroVed
search
HI language
x
cart-added The item has been added to your cart.
x

आंख फड़कना शुभ या अशुभ जानिए ज्योतिषीय कारण और मायने

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, आंखों का फड़कना भविष्य की भविष्यवाणी करने के एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। हालांकि, आंखों के फड़कने के माध्यम से की जानी वाली भविष्यवाणी लिंग और आँख के फड़कने के तरीके से भिन्न हो सकती है। इतना ही नहीं परिणाम बाईं आंख के फडकने और दाई आंख के फड़कने के लिए भिन्न हो सकते हैं। दरअसल हमारा शरीर सदैव कुछ संकेत देता रहता है कि आपके जीवन में क्या अच्छा होगा और कब गलत होगा। उदाहरण के लिए, महिलाओं की बायीं आंख फड़कने के मायने पुरुषों की बायीं आंख फड़कने से अलग हो सकते हैं। हालांकि हम मनुष्यओं ने शरीर में होने वाली इन अनोखी हलचलों को पहचानना और इनके मायने समझने की शक्ति को विकसित कर लिया है। आइए वैदिक ज्योतिष के अनुसार आंख फड़कने के मायने जानें।
blinking of the eyes

आंख फड़कना

आंखों का फड़कना पलकों की एक अनैच्छिक गति के रूप में जाना जाता है। यह किसी भी गंभीर चिकित्सा स्थिति को प्रतिबिंबित या संबंधित नहीं करता है लेकिन यह काफी परेशान करने वाला और असुविधाजनक हो सकता है। कई परंपराओं और संस्कृतियों ने कुछ आगामी घटनाओं की प्रकृति के बारे में ब्रह्मांड से संकेतों के साथ आंखों की फड़फड़ाहट को जोड़ा है।
ऐसा कहा जाता है कि दाहिनी पलक का फड़कना व्यक्ति के लिए सकारात्मक और सौभाग्यशाली परिणाम और अनुभव लेकर आता है। हालांकि, दूसरी ओर, जिस व्यक्ति की बायीं आंख फड़कती है, वह कुछ नकारात्मक और दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं और अनुभवों का अनुभव कर सकता है। ये अंधविश्वास लोगों के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखती हैं क्योंकि इनका लंबे समय से पालन किया जा रहा है। इसके अलावा, कई लोगों ने इसे कुछ हद तक सही अनुभव भी किया है। एक बात जो एक व्यक्ति को ध्यान में रखनी चाहिए वह यह है कि इन अंधविश्वासों की पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग व्याख्या है।

आंख फड़कने की भारतीय धारणा

भारत में आंख फड़कने की धारणा किसी अन्य संस्कृति में मौजूद धारणाओं के विपरीत है। जहां भारत में दाहिनी आंख का फड़कना एक अच्छा संकेत है, वहीं बाईं आंख का फड़कना प्रतिकूल या खराब माना जाता है। आंख के अलावा किसी और अंग का फड़कना शायद ही कभी लिंग पर आधारित हो सकता है, लेकिन भारतीय मान्यता में आंख का फड़कना लिंग आधारित और बायी या दायी आंख के अनुसार भिन्न हो सकता है। जहां बायीं आंख का फड़कना महिलाओं के लिए उपयुक्त माना जाता है, वहीं यह पुरुषों के लिए यह एक बुरा संकेत हो सकता है।

दायी आंख फड़कने का अर्थ

भारतीय मान्यताओं के अनुसार दायी आंख फड़कने का अर्थ महिलाओं और पुरूषों के लिए भिन्न हो सकता है। जहां पुरूषों के लिए दायी आंख फड़कने का अर्थ लाभकारी और शुभ हो सकता है वहीं महिलाओं के लिए दायी आंख फड़कने का अर्थ कुछ अनुपयुक्त या अपषकुन हो सकता है।

बायी आंख फड़कने का अर्थ

जहां दायी का फड़कना पुरूषों के लिए लाभकारी हो सकता है वहीं महिलाओं के लिए बायी आंख का फड़कना लाभकारी और अच्छे संकेत लेकर आता है। लेकिन पुरूषों की बायी आंख फड़कना बुरे और अपषकुन का संकेतक हो सकता है। हालांकि आंख फड़कने के मायने समय और स्थिति के अनुसार भी अलग हो सकते है। आइए आंख फड़कने के समय से संबंधित भविष्यवाणियों को जानें।

आंख फड़कने का समय से संबंध

आंखों का फड़कना समय पर भी निर्भर करता है। इस प्रकार, यदि दाहिनी आंख सुबह 6ः00 बजे से शाम 5ः00 बजे के बीच झपकती है, तो व्यक्ति को एक अच्छानिमंत्रण मिल सकता है।
वहीं यदि आंखों का फड़कना शाम 5ः00 बजे से सुबह 6ः00 बजे के बीच होता है, तो उस व्यक्ति पर विपत्ति आ सकती है।
आंख झपकना या फड़कना आमतौर पर बुरा या अपषकुन नहीं होता है। यह आम तौर पर अल्पकालिक होता है, लेकिन अगर पलक झपकना लंबे समय तक बना रहता है, तो यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति का संकेत हो सकता है और एक नेत्र चिकित्सक द्वारा जांच की आवश्यकता हो सकती है।
इसका कारण अधिक समय तक टीवी देखने या कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने या मोबाइल फोन के अत्यधिक उपयोग आदि के कारण या अत्यधिक थकान का परिणाम हो सकता है।
यदि आंख झपकना या फड़कना 3 दिनों से अधिक समय तक जारी रहता है, तो डॉक्टर को देखना चाहिए।

नवीनतम ब्लॉग्स

  • ज्योतिषीय उपायों में छुपा है आपकी आर्थिक समस्याओं का समाधान
    आज की दुनिया में, आर्थिक स्थिरता एक शांतिपूर्ण और सफल जीवन के प्रमुख पहलुओं में से एक है। फिर भी कई लोग कड़ी मेहनत के बावजूद लगातार आर्थिक परेशानियों, कर्ज या बचत की कमी का सामना करते हैं। अगर यह आपको परिचित लगता है, तो इसका कारण न केवल बाहरी परिस्थितियों में बल्कि आपकी कुंडली […]13...
  • ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की भूमिका और कुंडली में प्रभाव
    भारतीय वैदिक ज्योतिष में ग्रहों का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति के जन्म के समय आकाश में स्थित ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के हर पहलू – जैसे स्वभाव, स्वास्थ्य, शिक्षा, विवाह, करियर, धन, संतान और आध्यात्मिकता पर गहरा प्रभाव डालती है।   जन्मकुंडली में ग्रहों की भूमिका जब कोई व्यक्ति जन्म लेता […]13...
  • पंचमुखी रुद्राक्ष का महत्व, लाभ और पहनने की विधि
    भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में रुद्राक्ष को दिव्य मणि कहा गया है। इसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष की हर मुखी के अलग-अलग गुण और प्रभाव होते हैं। इनमें से पंचमुखी रुद्राक्ष सबसे आम और अत्यंत शुभ माने जाने वाले रुद्राक्षों में से एक है। यह न केवल आध्यात्मिक साधना में सहायक […]13...