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गणेश जी की सूंड की दिशा का रहस्य – जानिए कौन सी सूंड लाती है शुभ फल

यह मंत्र सिर्फ एक पुकार नहीं, बल्कि विश्वास और आस्था का प्रतीक है। हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत उन्हीं के नाम से होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की मूर्ति में उनकी सूंड किस दिशा में मुड़ी है, इसका गहरा वास्तु और आध्यात्मिक महत्व होता है?

अगर आप अपने घर, ऑफिस या दुकान में गणेश जी की मूर्ति रख रहे हैं, तो यह जानना बेहद जरूरी है कि सूंड की दिशा कौन सी होनी चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे की मान्यताएं और लाभ।

 

बायीं ओर मुड़ी सूंड

यह सबसे आम और घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति है।

लाभ –

यह शांतिदायक और सुख-समृद्धि देने वाली मानी जाती है।

बायीं सूंड को “वामवर्ती गणेश” कहा जाता है।

यह सूंड चंद्र ऊर्जा से जुड़ी मानी जाती है, जो मन को शांति और घर में सौहार्द लाती है।

 

कहाँ रखें

घर, मंदिर या ऑफिस में शांति और समृद्धि के लिए इस मूर्ति को रखा जाता है।

यह मूर्ति नियमित पूजा-पाठ के साथ भी ज्यादा कठोर नियम नहीं मांगती।

 

दायीं ओर मुड़ी सूंड

यह गणेश जी का एक अत्यंत शक्तिशाली और दुर्लभ रूप है।

लाभ

यह मूर्ति तेज, शक्ति और सिद्धि का प्रतीक मानी जाती है।

इसे “दक्षिणावर्ती गणेश” कहा जाता है।

यह सूंड सूर्य ऊर्जा से जुड़ी होती है, जो प्रबल और गर्म होती है।

 

विशेष ध्यान

इसे घर में रखने से पहले विशेष पूजा विधि और नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है।

इसे गलत तरीके से रखने पर नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं।

 

कहाँ रखें

आमतौर पर यह मूर्ति मंदिर, आश्रम या किसी अनुभवी पुजारी की देखरेख में स्थापित की जाती है।

यह व्यापार में लाभ और कार्यों में तेजी लाती है, पर इसके साथ नियमों का पालन बेहद जरूरी होता है।

 

सीधी सूंड

कभी-कभी गणेश जी की मूर्ति में सूंड को सीधा नीचे की ओर झुका हुआ दिखाया जाता है।

 

लाभ

यह मूर्ति सहजता, संतुलन और सादगी का प्रतीक होती है।

साधना और ध्यान में सहायक मानी जाती है।

 

योग और ध्यान में उपयोग

ध्यान करने वाले और साधना में लगे लोग इस मूर्ति को अपने कक्ष में रख सकते हैं।

 

कुछ जरूरी सुझाव

एक साथ दो या ज्यादा गणेश मूर्तियां घर में न रखें। इससे विघ्न बढ़ सकते हैं।

गणेश जी की सूंड की दिशा और मूर्ति की स्थापना से पहले घर की वास्तु दिशा जरूर देखें।

मूर्ति के साथ मूषक (चूहा), मोदक और लड्डू का होना शुभ माना जाता है।

 

गणेश जी की सूंड सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र होती है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में शांति, धन, बुद्धि और सुख-समृद्धि बनी रहे, तो गणेश जी की मूर्ति की सूंड की दिशा को समझकर ही उसे स्थापित करें।

 

बायीं सूंड – शांति और समृद्धि के लिए।

दायीं सूंड – शक्ति, सिद्धि और नियमबद्ध पूजा के लिए।

सीधी सूंड – ध्यान और संतुलन के लिए।

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