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खुद से देखें शुभ चौघड़िया मुहूर्त, जानिए चौघड़िया देखने का तरीका

हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के लिए सही समय चुनने का विशेष महत्व है। शुभ मुहूर्त का निर्धारण विभिन्न तिथियों, नक्षत्रों, योगों, और ग्रह स्थितियों के आधार पर किया जाता है। चौघड़िया मुहूर्त एक सरल और लोकप्रिय तरीका है, जो दिन के अलग-अलग हिस्सों में समय की शुभता का आकलन करता है। इसे खासतौर पर यात्रा, खरीदारी, और छोटे-मोटे शुभ कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। 

चौघड़िया मुहूर्त क्या है?

चौघड़िया एक वैदिक ज्योतिष प्रणाली है, जिसमें दिन और रात को विभिन्न हिस्सों में विभाजित करके प्रत्येक हिस्से का शुभ-अशुभ फल देखा जाता है। इसे दिन में 7 हिस्सों और रात में 7 हिस्सों में विभाजित किया जाता है, जिन्हें चौघड़िया कहा जाता है। प्रत्येक चौघड़िया का समय लगभग 1.5 घंटा होता है।

दिन के समय का विभाजन सूर्योदय से शुरू होकर सूर्यास्त तक चलता है, और रात का विभाजन सूर्यास्त से शुरू होकर अगले सूर्योदय तक चलता है।

 चौघड़िया के प्रकार

चौघड़िया को सात भागों में विभाजित किया जाता है, जिनमें से कुछ शुभ माने जाते हैं और कुछ अशुभ। ये निम्नलिखित हैं।

 

अमृत चौघड़िया – यह सबसे शुभ माना जाता है और सभी प्रकार के कार्यों के लिए उपयुक्त है।

शुभ चौघड़िया – यह भी शुभ माना जाता है और अच्छे कार्यों के लिए उपयुक्त है।

लाभ चौघड़िया – यह समय लाभकारी माना जाता है और व्यापारिक कार्यों के लिए खासतौर पर शुभ होता है।

चर चौघड़िया – यह समय यात्रा और व्यवसायिक कार्यों के लिए अच्छा माना जाता है।

रोग चौघड़िया – यह समय अशुभ माना जाता है और इसमें कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए।

काल चौघड़िया – यह अत्यंत अशुभ समय माना जाता है, इसमें शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

उद्वेग चौघड़िया – यह समय भी अशुभ माना जाता है और इसमें भी महत्वपूर्ण कार्य करने से बचना चाहिए।

शुभ चौघड़िया मुहूर्त देखने का तरीका

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जानें – सबसे पहले उस दिन के सूर्योदय और सूर्यास्त का समय जानना आवश्यक है। यह जानकारी आपको पंचांग या इंटरनेट पर मिल सकती है।

दिन के चौघड़िया का निर्धारण – सूर्योदय से सूर्यास्त तक के समय को 7 भागों में बांटें। उदाहरण के लिए, यदि सूर्योदय 6 बजे हुआ है और सूर्यास्त 6 बजे होगा, तो दिन के प्रत्येक चौघड़िया का समय 6 से 7रू30 बजे, 7रू30 से 9 बजे, और इसी प्रकार आगे बढ़ता है।

रात के चौघड़िया का निर्धारण – सूर्यास्त से सूर्योदय तक के समय को 7 भागों में बांटें। जैसे, यदि सूर्यास्त 6 बजे हुआ है और अगले दिन का सूर्योदय 6 बजे है, तो रात के चौघड़िया का समय 6 से 7रू30 बजे, 7रू30 से 9 बजे, और इसी प्रकार चलता है।

चौघड़िया का शुभ-अशुभ जानें – हर चौघड़िया की शुरुआत के समय के अनुसार उसका फल जानें। यदि वह समय अमृत, शुभ, लाभ, या चर है, तो वह समय शुभ है। यदि वह समय रोग, काल, या उद्वेग है, तो वह अशुभ माना जाएगा।

शुभ कार्यों के लिए सही समय चुनें – शुभ कार्य जैसे यात्रा, खरीदारी, या पूजा के लिए अमृत, शुभ, लाभ, या चर चौघड़िया का चयन करें। अशुभ चौघड़िया में महत्वपूर्ण कार्य करने से बचें।

 चौघड़िया मुहूर्त का महत्व

चौघड़िया मुहूर्त के आधार पर कार्य करना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमें दिनभर में उपलब्ध शुभ समय का उपयोग करने का अवसर देता है, जिससे हमारे कार्यों में सफलता और समृद्धि मिलती है। खासकर यात्रा, नई योजनाओं की शुरुआत, और अन्य छोटे-मोटे कार्यों में चौघड़िया मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है।

 समापन

चौघड़िया मुहूर्त देखना एक सरल और प्रभावी तरीका है, जिससे हम दिन-प्रतिदिन के कार्यों के लिए सही समय का चयन कर सकते हैं। यह विधि न केवल हमारे कार्यों में सफलता दिलाने में सहायक होती है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि भी लाती है। इसलिए, हर शुभ कार्य से पहले चौघड़िया मुहूर्त का अवश्य ध्यान रखें और अपने जीवन में अच्छे समय का लाभ उठाएं।

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