मंगल ग्रह सूर्य से चैथा ग्रह है, यह लाल रंग का एक उग्र ग्रह है, जिसकी ऊर्जा मर्दाना है। मंगल मेष और वृश्चिक राशियों पर शासन करते हैं और मृगशिरा, चित्रा और धनिष्ठा नक्षत्रों पर शासन करते हैं। मंगल ग्रह का एक राशि से दूसरी राशि में गोचर काल आमतौर पर 45 दिनों का होता है। हालांकि, यह अप्रत्याशित है क्योंकि कभी-कभी मंगल 6 महीने तक भी एक राशि में स्थिर रहता है। ग्रह के अधिष्ठाता देवता भगवान मुरुगा हैं। उन्हें मंगला, मंगल, कुजा के नाम से भी जाना जाता है। अंगारक को पृथ्वी की देवी भूमि का पुत्र माना जाता है, इसलिए उन्हें भौम या भूमिकारक के नाम से भी जाना जाता है। मंगल एक बलशाली ग्रह है और इच्छा, उतावले साहस, रोमांच, शारीरिक शक्ति, आदिम प्रवृत्ति, आत्म-निर्भरता, तनाव का सामना करने की शक्ति, स्वतंत्र प्रकृति, स्थिति की इच्छा, योद्धा ऊर्जा का प्रतीक है क्योंकि यह दैवीय सेना का कमांडर है। मंगल ऊर्जा रचनात्मक और विनाशकारी दोनों हो सकती है और व्यक्ति को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। अंगारक को चार हाथों से चित्रित किया गया है, जिसमें एक त्रिशूल, गदा, कमल और एक भाला है। वे लाल वस्त्र पहनकर मेढ़े या बकरे की सवारी करते हैं।
मंगल की मर्दाना ऊर्जा हमारी महत्वपूर्ण ऊर्जा और भावना के प्रक्षेपण को दर्शाती है, और यह हमारे जुनून, प्रेरणा और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। एक मजबूत मंगल जीवन शक्ति, धीरज, साहस आदि गुणों को इंगित करता है। साथ ही जब मंगल अच्छी स्थिति में हो, तो यह आत्मविश्वास, दृढ़ इच्छा शक्ति, अंतर्दृष्टि और विवेक प्रदान करता है। हालांकि एक अशुभ मंगल हिंसा, नियंत्रण, वर्चस्व या चोट, दुर्घटना, क्रोध, युद्ध, आलोचना, विलंबित विवाह, संबंधों में संघर्ष आदि का कारण बन सकता है। लेकिन मंगल के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए आप मंगल यंत्र का उपयोग कर सकते हैं।
मंगल यंत्र मंगल के बुरे प्रभावों को कम कर मंगल के अच्छे प्रभावों को बढ़ने और उन्हे आपके पक्ष में काम करने के लिए प्रेरित करने वाला एक अचूक ज्योतिषीय यंत्र है। इस यंत्र का उपयोग कर आप मंगल के बुरे प्रभावों को दूर करने के साथ ही उनके अच्छे और अनुकूल प्रभावों को बढ़ा सकता है। मंगल एक मर्दाना ऊर्जा वाला बहुत ही प्रभावी ग्रह है जो आपके जीवन के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करता है। मंगल आपके विवाहित जीवन सहित रिष्तों और संबंधों को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। इसलिए मंगल के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए ज्योतिषीयों द्वारा मंगल यंत्र के उपयोग की सलाह दी जाती है। मंगल यंत्र न सिर्फ मंगल के बुरे प्रभावों को दूर करता है बल्कि यह इस ग्रह के अच्छे प्रभावों को बढ़ कर आपके विवाहित जीवन और रिष्तों को अधिक बेहतर करने का कार्य कर सकता है। आइए जानते है आपको मंगल यंत्र क्यों उपयोग करना चाहिए।
आपको अपनी ऊर्जा को सकारात्मक रूप से चलाते रहने के लिए एक उत्तेजक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी ऊर्जा का स्तर शारीरिक और आध्यात्मिक ऊर्जा का मिश्रण है। वैसे तो भौतिक ऊर्जा प्राप्त करने के कई तरीके हैं, मंगल यंत्र भी उन्ही में से एक है। यह यंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा का एक अनूठा स्रोत है जो इस सांसारिक जीवन से निपटने के लिए आपकी आत्माओं को फिर से जीवंत कर सकता है। मंगल यंत्र एक दिव्य ऊर्जा उपकरण है जो आपके ऊर्जा स्तर और आंतरिक शक्ति को संतुलित करता है। यदि आप ऋणों में उलझे हुए हैं या यदि आप अपने कौशल को विकसित करने में विफल रहते हैं, तो मंगल यंत्र आपके लिए बेहद सहायक हो सकता है।
मंगल ग्रह आपकी इच्छाशक्ति, आपके दृष्टिकोण और आपके सौहार्द के स्तर को नियंत्रित करता है। यदि आपका मंगल बली है, तो आप आसपास के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखेंगे और एक विशिष्ट व्यक्तित्व बनेंगे। एक सुखी और अड़चन मुक्त वैवाहिक जीवन का श्रेय आपके मजबूत मंगल को दिया जा सकता है! एक कमजोर मंगल आपको तेज स्वभाव और आक्रामकता का शिकार बना देगा। मंगल की नकारात्मक स्थिति से आपका मिजाज अत्यधिक अस्थिर हो सकता है वहीं मंगल यंत्र इन असमान ऊर्जा स्तरों को नियंत्रित कर आपको एक सुखी जीवन जीने में मदद कर सकता है। मंगल यंत्र आपकी जन्म कुंडली के खराब मंगल को शांत करने के लिए एक उत्तम उपकरण है। यह आपको अपने शक्तिशाली विकिरणों से लैस करेगा जो आपकी वित्तीय समस्याओं, संबंधों की समस्याओं और गुस्से के हमलों को दूर कर सकता है।
मंगल ग्रह के लिए मंगलवार का दिन सबसे शुभ माना गया है। मंगल के रत्न की बात करें तो मंगल को समुद्र तल से प्राप्त होने वाला लाल मूंगा बेहद प्रिय है, इसी के साथ लाल रंग के फूल भी मंगल को प्रसन्न कर सकते हैं। मंगल का रंग लाल होने के कारण इन्हें हमेशा लाल रंग के कपड़े और इसी रंग की वस्तुएं प्रिय होती है। मंगल ग्रह का शक्ति स्थान तमिलनाडु के दक्षिण में वैथेश्वरन कोइल है। मंगल ग्रह और उसके अधिष्ठाता देवता भगवान मुरुगा की पूजा करने से मंगल ग्रह की अनुचित स्थिति के कारण होने वाले सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।