भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का स्थान अत्यंत पवित्र और विशेष है। इसे शिव का अश्रु कहा जाता है और यह साधक को आध्यात्मिक शक्ति, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है। प्रत्येक रुद्राक्ष अपने मुख के अनुसार अलग-अलग देवता और शक्तियों का प्रतीक होता है। इन्हीं में से नवमुखी रुद्राक्ष का संबंध नवदुर्गा से माना जाता है। यह रुद्राक्ष विशेष रूप से भक्ति, साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
नवमुखी रुद्राक्ष
नवमुखी रुद्राक्ष में नौ प्राकृतिक रेखाएँ या मुख होते हैं। यह रुद्राक्ष माँ दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक है और इसे शक्ति, भक्ति और विजय का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति के जीवन में आत्मबल बढ़ता है, भय दूर होता है और वह अपने लक्ष्य की ओर दृढ़ता से बढ़ता है। शास्त्रों के अनुसार, नवमुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार के भय और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रहता है। यह आध्यात्मिक प्रगति के लिए भी अत्यंत लाभकारी है।
शास्त्रीय महत्व
पद्म पुराण में कहा गया है कि नवमुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त होकर सद्गति को प्राप्त करता है।
शिव पुराण के अनुसार, यह रुद्राक्ष यम भय, भूत-प्रेत बाधा और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करता है।
यह रुद्राक्ष विशेष रूप से नवदुर्गा की शक्ति को धारण करने वाला माना गया है, इसलिए इसे स्त्रियों और साधकों के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है।
नवमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
1. भय और नकारात्मकता से मुक्ति
नवमुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करता है। यह सभी प्रकार के भय, असुरक्षा और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा करता है।
2. साहस और आत्मविश्वास की वृद्धि
जो लोग आत्मविश्वास की कमी से जूझते हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है। इसे धारण करने से व्यक्ति में आत्मबल और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।
3. भक्ति और आध्यात्मिक प्रगति
यह रुद्राक्ष साधकों और भक्तों के लिए विशेष रूप से शुभ है। यह मन को एकाग्र करता है, ध्यान-योग में सहायक होता है और ईश्वर भक्ति को बढ़ाता है।
4. स्वास्थ्य लाभ
नवमुखी रुद्राक्ष का संबंध तंत्रिका तंत्र और मानसिक स्वास्थ्य से माना जाता है। यह अनिद्रा, तनाव, सिरदर्द और मानसिक अस्थिरता को दूर करता है। यह रक्तचाप और हृदय संबंधी रोगों में भी लाभकारी है।
5. समृद्धि और सफलता
नवमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति जीवन में सफलता और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ है जो नए कार्य प्रारंभ कर रहे हों।

6. पापों का नाश
शास्त्रों के अनुसार, यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के पिछले जन्मों और वर्तमान जीवन के पाप नष्ट होते हैं। इससे आत्मा शुद्ध होती है और साधक धर्म-कर्म में प्रवृत्त होता है।
7. स्त्रियों के लिए विशेष लाभकारी
कहा जाता है कि नवमुखी रुद्राक्ष स्त्रियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह उन्हें साहस, सौभाग्य और सुरक्षा प्रदान करता है। विवाह और परिवार में सामंजस्य बनाए रखने में भी यह सहायक है।
किसके लिए उपयुक्त है नवमुखी रुद्राक्ष?
जो लोग भय, चिंता या असुरक्षा से पीड़ित हों।
विद्यार्थी और साधक जिन्हें एकाग्रता और मानसिक शक्ति चाहिए।
स्त्रियाँ जो शक्ति और सौभाग्य प्राप्त करना चाहती हैं।
जो लोग आध्यात्मिक उन्नति और भक्ति मार्ग पर अग्रसर हों।
जो व्यक्ति करियर और व्यवसाय में नई शुरुआत कर रहे हों।
नवमुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
धारण करने का दिन – सोमवार या शुक्रवार को नवमुखी रुद्राक्ष धारण करना सर्वोत्तम माना जाता है।
शुद्धिकरण – इसे गंगाजल, कच्चे दूध और शुद्ध जल से स्नान कराएं।
पूजन – पूजा स्थल पर भगवान शिव और माँ दुर्गा का ध्यान करें। धूप, दीप और फूल अर्पित करें।
मंत्र जप – धारण करते समय ओम ह्रीं नमः या ओम दुर्गायै नमः मंत्र का 108 बार जप करें।
कैसे पहनें – इसे लाल या पीले धागे में गले या बांह में धारण करें। इसे चाँदी या सोने के लवबामज में भी पहन सकते हैं।
नियम और सावधानियाँ
धारण करने वाला व्यक्ति सात्विक आहार और आचरण अपनाए।
मद्यपान, मांसाहार और अशुद्ध कार्यों से दूरी बनाए।
इसे हमेशा पवित्र और साफ रखें।
स्नान, शौच या श्मशान जाते समय इसे उतारना उचित है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ
वैज्ञानिक शोध के अनुसार, रुद्राक्ष के बीज में विशेष विद्युत चुंबकीय तरंगें होती हैं जो शरीर की नसों और तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करती हैं। नवमुखी रुद्राक्ष मानसिक शांति, हृदय की गति का संतुलन और तनाव कम करने में सहायक है। इसके कंपन मस्तिष्क को स्थिर और सकारात्मक बनाते हैं। नवमुखी रुद्राक्ष केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह साधक को भय, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास, साहस और शक्ति की वृद्धि होती है। साथ ही, यह भक्ति और आध्यात्मिक साधना को भी प्रबल करता है।
माँ दुर्गा के नौ रूपों का आशीर्वाद पाने के लिए नवमुखी रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत फलदायी है। यह पापों का नाश करता है और साधक के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार करता है।