भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में रुद्राक्ष का विशेष महत्व है। इसे भगवान शिव का नेत्र या आँसू कहा जाता है, जो साधक को पवित्र जीवन, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करता है। रुद्राक्ष के विभिन्न मुख अलग-अलग देवताओं और ऊर्जाओं का प्रतीक माने गए हैं। इनमें से सप्तमुखी रुद्राक्ष का संबंध देवी महालक्ष्मी और सात मातृकाओं से माना जाता है। यह रुद्राक्ष भौतिक समृद्धि, स्वास्थ्य और सौभाग्य प्रदान करने वाला है।
सप्तमुखी रुद्राक्ष का परिचय
सप्तमुखी रुद्राक्ष में सात प्राकृतिक धारियाँ या मुख होते हैं। शास्त्रों के अनुसार यह रुद्राक्ष महालक्ष्मी, सप्तमातृका (ब्रह्माणी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा) तथा सतरूद्र स्वरूप का प्रतीक है।
इस रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता का नाश होता है। इसे धारण करने वाला धन, व्यवसाय और जीवन के अन्य क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है।
शास्त्रीय महत्व
पद्म पुराण में सप्तमुखी रुद्राक्ष को दरिद्रता नाशक बताया गया है।
शिव पुराण के अनुसार, सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति पापों से मुक्त होकर पुण्य की प्राप्ति करता है।
इसका सीधा संबंध देवी महालक्ष्मी से माना गया है, इसलिए इसे धन और समृद्धि का रुद्राक्ष भी कहते हैं।
सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने के लाभ
1. धन और समृद्धि की प्राप्ति
यह रुद्राक्ष देवी लक्ष्मी का स्वरूप है। इसे धारण करने वाले व्यक्ति पर माँ लक्ष्मी की कृपा होती है। धन की कमी दूर होती है और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
2. व्यापार और करियर में सफलता
व्यापारी, उद्यमी और नौकरीपेशा लोगों के लिए सप्तमुखी रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है। यह व्यवसाय में प्रगति, करियर में उन्नति और स्थिरता प्रदान करता है।
3. मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा
सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने से तनाव और चिंता दूर होती है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
4. स्वास्थ्य लाभ
यह रुद्राक्ष विशेष रूप से पेट, यकृत (लिवर), डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों में लाभकारी माना गया है। नियमित रूप से धारण करने पर यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
5. पापों का नाश और पुण्य की वृद्धि
शास्त्रों में कहा गया है कि सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने से सात जन्मों के पाप नष्ट होते हैं। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करता है और पुण्य की वृद्धि करता है।

6. दरिद्रता से मुक्ति
यदि घर-परिवार में लगातार आर्थिक संकट बना रहता है, तो सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने से धीरे-धीरे दरिद्रता का नाश होता है और नए अवसर प्राप्त होते हैं।
7. वैवाहिक जीवन में सामंजस्य
यह रुद्राक्ष पति-पत्नी के बीच आपसी प्रेम और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक है। रिश्तों में आने वाली कड़वाहट और तनाव को यह कम करता है।
किसके लिए उपयुक्त है सप्तमुखी रुद्राक्ष?
व्यापारी और नौकरीपेशा लोग।
जो लोग बार-बार आर्थिक कठिनाइयों से गुजरते हैं।
जिनके जीवन में धन स्थिर नहीं रहता।
विद्यार्थी जो शिक्षा और करियर में उन्नति चाहते हैं।
वे लोग जो मानसिक शांति और स्थिरता चाहते हैं।
सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
धारण करने का दिन – शुक्रवार को सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे शुभ माना जाता है।
शुद्धिकरण – रुद्राक्ष को सबसे पहले गंगाजल, कच्चे दूध और शुद्ध जल से स्नान कराएं।
पूजन – पूजा स्थल पर देवी महालक्ष्मी और भगवान शिव का ध्यान करें। धूप-दीप अर्पित करें।
मंत्र जप – धारण करने से पूर्व ओम हुं नमः या ओम महालक्ष्म्यै नमः मंत्र का 108 बार जप करें।
कैसे पहनें – इसे चाँदी, सोना या लाल धागे में गले या बांह में धारण किया जा सकता है।
नियम और सावधानियाँ
सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति हमेशा सात्विक आचरण अपनाए।
अशुद्ध कार्य जैसे मांस, मदिरा और नकारात्मक आदतों से दूरी बनाए।
रुद्राक्ष को हमेशा साफ और पवित्र रखें।
स्नान, शौच या श्मशान जाने के समय इसे उतारना उचित माना जाता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से लाभ
आधुनिक विज्ञान भी रुद्राक्ष की ऊर्जा को स्वीकार करता है। सप्तमुखी रुद्राक्ष से निकलने वाले सूक्ष्म कंपन शरीर की नसों और हृदय गति को संतुलित करते हैं। यह रक्तचाप नियंत्रित करने, तनाव कम करने और मन को स्थिर करने में सहायक है। इसके कंपन तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
सप्तमुखी रुद्राक्ष केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं, बल्कि समृद्धि और सफलता का दिव्य साधन है। यह माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि का संचार होता है।
आध्यात्मिक दृष्टि से यह पापों का नाश करता है और पुण्य की प्राप्ति कराता है। भौतिक दृष्टि से यह व्यापार, करियर और आर्थिक उन्नति में सहायक है। इसलिए जो भी व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और सौभाग्य चाहता है, उसके लिए सप्तमुखी रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत फलदायी है।