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शनि ग्रह की कृपा प्राप्त करने हेतु विशेष उपचार पैकेज

अब वैदिक कार्यपद्धति के द्वारा शनि ग्रह के नकारात्मक दुष्प्रभावों का शमन करें।


हमारे सदस्यों की माँग को देखते हुए एस्ट्रोवेद ने शनि ग्रह से संबंधित एक विशेष उपचार पैकेज का निर्माण किया है, जिसकी मदद से हमारे सभी सदस्यों के जीवन से नकारात्मकता का नाश होगा और उन्हें शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होगी। यदि आप शनि की महादशा, अंतर्दशा, साढ़ेसाती, ढैया आदि के प्रभाव में हैं या फिर शनि आपकी कुंडली के नवम भाव में स्थित है(जोकि किस्मत व भाग्य को प्रभावित करता है।) तो हमारे निपुण ज्योतिषियों द्वारा निर्मित इस शनि उपचार पैकेज से अवश्य लाभ उठाएं। इस पैकेज में शनि ग्रह के दुष्प्रभावों को दूर करने के अचूक वैदिक उपचार बताए गए हैं।

मुझे यह अनुष्ठान क्यों करने चाहिए?

आप शनि ग्रह के प्रभाव को अपने दैनिक जीवन में महसूस कर सकते हैं। जब यह राशि परिवर्तन कर रहा हो, आपकी जन्मकुंडली में इसकी स्थिति के अनुसार या इसकी महादशा चल रही हो तब इसका प्रभाव अधिक महसूस होता है। शनि का आपके जीवन पर प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसका किस प्रकार सामना करते हैं। मंद गति से चलने वाला शनि जिसे कर्म कारक भी कहा जाता है, पूर्व जन्म के कर्मो के अनुसार आपको जीवन के अनुभव प्रदान करता है। यह आपको कठिनाईयों में डालकर शिक्षा प्रदान करते हुए आपके जीवन में परिवर्तन करता है। कठिनाइयों को सहते हुए जीवन के इन महत्वपूर्ण पाठों को सीखने के बजाय उपचारात्मक अनुष्ठानों के द्वारा सुरक्षात्मक तरीके से जीवन में आगे बढ़ना ज्यादा बेहतर और विवेकपूर्ण निर्णय है।

शनि उपचारात्मक अनुष्ठान मेरे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं?

यह जानने से पूर्व की इन उपचारों का प्रभाव आप पर किस प्रकार पड़ता है, आपको यह समझने की जरुरत है कि शनि आपके जीवन में क्या करने की क्षमता रखता है तथा शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए हमने किस प्रकार इस पैकेज में उपचारात्मक सेवा को तैयार किया है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि प्राकृतिक कुंडली में दसवें तथा ग्यारहवें भाव का स्वामी है, जोकि आपके जीवन में ज्यादातर कार्यक्षेत्र व उपलब्धि को प्रभावित करते हैं। अगर शनि आपकी जन्मकुंडली में अच्छी स्थिति में हो या फिर शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो वह आपको दीर्घायु, बुद्धिमता, नेतृत्व, कुशलता, निष्ठा, यश, धैर्य तथा आध्यात्मिक क्रियाकलापों में दक्षता प्रदान कर सकता है।

इसके विपरीत यदि शनि आपकी पत्रिका में ख़राब स्थिति में है तो वह आपको हताशा, दुःख, कष्ट, विलंब व कठिनाइयाँ, विवाद व असामंजस्य दे सकता है। शनि की कमजोर स्थिति शत्रुता, मुकदमा व जेल, बेईमानी, लापरवाही, मादक पदार्थों की लत, धैर्य की कमी आदि दे सकती है।

नकारात्मक दुष्प्रभावों को कम करने तथा कृपा वृद्धि हेतु शनि उपचार पैकेज

शनि उपचार पैकेज विस्तृत अनुष्ठानों का एक संग्रह है जोकि शनि को प्रसन्न करके उसकी संपूर्ण गोचरीय अवधि (27 जनवरी 2017 से 24 जनवरी 2020 तक) में आपको सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही यह शनि की महादशा या जन्मकुंडली में उसकी ख़राब स्थिति आदि के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक दुष्प्रभावों से भी आपकी रक्षा करता है।

उदाहरण के लिए यदि आपकी शनि की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तो आपको सफलता पाने के लिए बहुत अधिक परिश्रम करना पड़ सकता है। इसी प्रकार शनि के अष्टम भाव में गोचर करने के कारण आप हर विषय पर गहन विचार कर सकते हैं व अपने जीवन में अनेक परिवर्तनों को महसूस कर सकते हैं। शनि का चतुर्थ भाव से गोचर आपके व्यक्तिगत व व्यावसायिक जीवन का विकास कर सकता है। उसी प्रकार जीवन की अनेक परिस्थितियों में आपको शनि के प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है। शनि से संबंधित उपचारात्मक अनुष्ठानों में भाग लेकर आप नकारात्मक प्रभावों को कम करके कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

शनि से संबंधित विशेष वार्षिक उपचार पैकेज

SPECIAL SATURN REMEDY PACKAGE
  • आपकी तरफ से शनिवार के दिन शनिदेव के शक्तिस्थल पर उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी।
  • आपकी तरफ से शनिदेव के मंदिर में तिल के तेल का दीप प्रज्जवलित किया जाएगा।
  • आपकी तरफ से शनिवार के हनुमान जी के शक्तिस्थल पर उनकी पूजा-अर्चना की जाएगी।
  • आपकी तरफ से केरल में भगवान शिवजी के शक्तिस्थल में शिवलिंग पर दीप प्रज्जवलित किया जाएगा।
  • आपकी तरफ से शनि के वक्र काल के दौरान शनिदेव से संबंधित सामूहिक यज्ञ किया जाएगा।
  • आपकी तरफ से प्रत्येक शनिवार को शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को भोजन कराया जाएगा।
  • आपकी तरफ से प्रत्येक शनिवार को कौओं को तिल के लड्डू खिलाए जाएंगे।

आप शनि ग्रह के प्रभाव को अपने दैनिक जीवन में महसूस कर सकते हैं। जब यह राशि परिवर्तन कर रहा हो, आपकी जन्मकुंडली में इसकी स्थिति के अनुसार या इसकी महादशा चल रही हो तब इसका प्रभाव अधिक महसूस होता है। शनि उपचार पैकेज विस्तृत अनुष्ठानों का एक संग्रह है जोकि शनि को प्रसन्न करके उसकी संपूर्ण गोचरीय अवधि (27 जनवरी 2017 से 24 जनवरी 2020 तक) में आपको सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही यह शनि की महादशा या जन्मकुंडली में उसकी ख़राब स्थिति आदि के कारण उत्पन्न होने वाले नकारात्मक दुष्प्रभावों से भी आपकी रक्षा करता है।

आप क्या प्राप्त करेंगे?

आपको पवित्र यज्ञ से प्राप्त विभूति व लाल सिंदूर प्रदान किए जाएंगे। जो कि इस पवित्र अनुष्ठान द्वारा सिद्ध होंगे। इस पवित्र विभूति व सिंदूर को अपने मंदिर अथवा ध्यान कक्ष में रखें तथा अपनी दैनिक पूजा व ध्यान करने के समय इन्हें अपने मस्तक पर धारण करके दैवीय कृपा प्राप्त करें

डॉ. पिल्लै इसे इस प्रकार समझाते हैं

“ यह अनुष्ठान हमारे विचारों का कार्बनीकरण कर देता है। कार्बन हमारी सूचनाओं से सम्बंधित सूक्ष्म अनु कण होते हैं। इस कार्बनीकरण प्रक्रिया से प्राप्त पवित्र राख को प्रसाद स्वरुप दिया जाता है। इस प्रसाद स्वरूप पवित्र राख को मस्तक पर धारण करने से आपको दैवीय कृपा प्राप्त होती है।”

कृपया ध्यान दें इस एक माह की पूरी अनुष्ठान प्रक्रिया के उपरांत आपको दिया जाने वाला प्रसाद एक सप्ताह के बाद चेन्नई (तमिलनाडु) से भेज दिया जाएगा। विदेशों में पहुँचाने हेतु कृपया हमें दो से चार हफ़्तों का समय दें।

एक बार में पूर्ण भुगतान करने का विकल्प-

चार बराबर किस्तों में भुगतान करने का विकल्प-

2017-2020 वर्ष तक के लिए शनि मार्गी व वक्री तालिका

अवधि गति नक्षत्र नियंत्रक ग्रह राशि
27 जनवरी 2017 से 05 अप्रैल 2017 तक मार्गी मूल केतु धनु
06 अप्रैल 2017 से 20 जून 2017 तक वक्री मूल केतु धनु
21 जून 2017 से 24 अगस्त 2017 तक वक्री ज्येष्ठा बुध वृश्चिक
25 अगस्त 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक मार्गी ज्येष्ठा बुध वृश्चिक
27 अक्टूबर 2017 से 02 मार्च 2018 तक मार्गी मूल केतु धनु
03 मार्च 2018 से 17 अप्रैल 2018 तक मार्गी पूर्वाषाढ़ा शुक्र धनु
18 अप्रैल 2018 से 05 जून 2018 तक वक्री पूर्वाषाढ़ा शुक्र धनु
06 जून 2018 से 06 सितम्बर 2018 तक वक्री मूल केतु धनु
07 सितम्बर 2018 से 27 नवंबर 2018 तक मार्गी मूल केतु धनु
28 नवंबर 2018 से 29 अप्रैल 2019 तक मार्गी पूर्वाषाढ़ा शुक्र धनु
30 अप्रैल 2019 से 17 सितम्बर 2019 तक वक्री पूर्वाषाढ़ा शुक्र धनु
18 सितम्बर 2019 से 26 दिसम्बर 2019 तक मार्गी पूर्वाषाढ़ा शुक्र धनु
27 दिसम्बर 2019 से 24 जनवरी 2020 तक मार्गी उत्तराषाढ़ा सूर्य धनु