सर्प शाप से मुक्ति पाने और सर्पों के आशीष प्राप्त करने का वैदिक प्रौद्योगिकी
3 भव्य यज्ञ , 9 पूजा, और 4 पारंपरिक अनुष्ठान
सीधा प्रसारण 3 अगस्त 2019 को रात्रि 7:30 बजे(पैसेफिक मानक समयानुसार)/रात्रि 10:30 बजे(ईस्टर्न मानक समयानुसार)/ 4 अगस्त 2019 को प्रातः 8:00 बजे(भारतीय मानक समयानुसार)
सीधा प्रसारण 4 अगस्त 2019 को रात्रि 8:30 बजे(पैसेफिक मानक समयानुसार)/रात्रि 11:30 बजे(ईस्टर्न मानक समयानुसार)/ 5 अगस्त 2019 को प्रातः 9:00 बजे(भारतीय मानक समयानुसार)
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नाग चतुर्थी और नाग पंचमी (इसे गरुड पंचमी के नाम से भी जाना जाता है|) सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित पारंपरिक हिंदू त्योहार हैं। नाग बहुत शक्तिशाली, रहस्यमय प्राणियों के रूप में होते हैं जिन पर श्राप देने या श्राप को नष्ट करने की शक्ति होती है। यह पर्व सर्पदंश, सर्पदोष से सुरक्षा हेतु तथा पारिवारिक समृद्धि के साथ-साथ समग्र समृद्धि व सर्पदेवता का आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु मनाया जाता है|
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी दिवसों पर सर्पों के निमित उनकी बांबी में ताजा अंडे और दूध रखकर आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रथा एक आम रिवाज है। चांदी, पत्थर, लकड़ी या चावल के आटे से सर्पों की प्रतिमा बनाकर उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है और उनकी पूजा की जाती है| ऐसा माना जाता है कि इन दो शक्ति दिनों के दौरान आपकी ईमानदारी प्रार्थनाएं पिछले जन्मों में सांपों को मारने से जुड़ी दोषों (दुःख) की तीव्रता को कम करने, जहर, रसायनों और एलर्जी पदार्थों से होने वाले खतरे को रोकने, अल्कोहल और अन्य नशाओं के व्यसनों पर काबू पाने में मदद कर सकती हैं, और भ्रमपूर्ण भय से राहत देता है ।
इन शक्तिपूर्ण दिनों में सर्प देवताओं की आशीष प्राप्त करने में आपको मदद करने के लिए एस्ट्रोवेद प्राचीन मंदिरों में 85 विशिष्ट उपक्रमातमक पूजा का निर्माण किया है जो सकारात्मक ऊर्जा और साँप देवताओं के आशीर्वाद से भरे हुए हैं। यह उपक्रमातमक पूजा में भाग लेकर सर्पदेवताओं के आवाहन द्वारा उनका आशीर्वाद प्राप्त करके सर्पदोषों से मुक्ति पाने के लिए 31 जुलाई, 2019 (IST) से पहले रजिस्टर करें
मंदिर किंवदंती के अनुसार, नागराज आदिशेष ने दक्ष और कार्कोटक नागों के साथ यहां शिव की पूजा की थी। शिव और नागराज के लिए इस मंदिर पर पूजा करने से राहु दोष से निवर्ति, विवाह में देरी से निवर्ति और संतान के वरदान और बीमारियों से मुक्ति दिला सकता है।
केरल में सांप देवताओं को इन पवित्र सामग्रियों की पेशकश करना एक पारंपरिक प्रथा है। यह माना जाता है कि चूंकि इस तीर्थस्थल पर उनके मंदिर देवी भगवती का सामना करते हैं, वे आपको जहरीले हमलों से बचा सकते हैं, इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं और समग्र भलाई प्रदान कर सकते हैं
मंदिर परंपरा के अनुसार, नाग सुब्रमण्य के रूप में मुरुगा के मंदिर में नाग देवताओं को अभिषेक करना, सर्प के आशीर्वाद पाने और सर्प ग्रहों राहु और केतु के प्रतिकूल प्रभावों से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
मंदिर किंवदंती के अनुसार, नागों के राजा ने यहां शिव की पूजा की थी और एक बच्ची का जनन दिया। इस मंदिर पर शिव के लिए पूजा करने से पिछले पापों से राहत मिल सकती है और मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिल सकती है
मंदिर की पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु के शैया माने जाने वाले शेष नाग इसी स्थान पर भगवान विष्णु की आराधना और पूजा की थी| यहाँ विष्णु के अर्चना करने से काल सर्प दोष (राहु और केतु के बीच घिरे 7 ग्रह) से मुक्ति मिलती है, और वैवाहिक बाधाएं दूर होती हैं
मंदिर किंवदंती के अनुसार, नागराज ने एक ब्राह्मण के श्राप से मुक्त होने के लिए भगवान शिव की पूजा की थी और अपनी शक्ति और ज्ञान हासिल की थी। यहाँ भगवान शिव को शांत करने से काल सर्प दोष (7 ग्रह राहु और केतु के बीच में घुसे हुए हैं), से बचने का राहत मिलती है और विवाह और संतान प्राप्ति का वरदान प्राप्त कर सकते हैं|
मंदिर की कथा के अनुसार, दिव्य नागों ने नागनाथस्वामी के रूप में शिव की स्तुति किया और शाप से राहत पाने के लिए उनसे प्रार्थना की थी । ऐसा माना जाता है कि यहां शिव पूजा करने से राहु और केतु दोष के प्रभाव से राहत मिलती है|
शिव के गले में विराजित नाग आभूषण के तौर पर माना जाता है| उसे नागाभूषण कहते हैं जो सर्प गृह राहू माना जाता है | भगवान नागेश्वर के यहाँ एक अर्चना प्रदर्शन करना सर्प ग्रह पीड़ा से और राहु पारगमन के प्रभावों से राहत दे सकता है|
एस्ट्रोवेद ने पवित्र वैदिक ग्रंथों में वर्णित विधियों के अनुसार नाग चतुर्थी व नाग पंचमी से संबंधित व्यापक उपचारात्मक अनुष्ठानों का निर्माण किया है| जिसको करने से सर्पदोषों से मुक्ति मिलती है| यह उपचारात्मक अनुष्ठान के रूप में कार्य करता है| इन अनुष्ठानों के द्वारा निम्नलिखित आशीर्वादों की प्राप्ति होती है|
आदिशेष महा मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो सर्पों के राजा नागराज को आह्वान करता है। आदिशेष महा मंत्र का जाप और यज्ञ में भाग लेने से सर्प दोष से निवर्ति पा सकते हैं और जन्म कुंडली में होनेवाले काल सर्प दोष (राहु और केतु के बीच घिरे 7 ग्रहों) के नकारात्मक प्रभावों से मुक्त पा सकते हैं।
स्वेत ग्रीव गरुड़ मंत्र यज्ञ, जहर के भय को नष्ट कर सकता है, बुरी शक्तियों को दूर कर सकता है, आपकी शक्ति को बढ़ा सकता है, आपको अपने कर्मों में विजयी होने में मदद करेगा और समस्त आशीर्वाद का आनंद पदान करेगा|
पारंपरिक प्रथाओं के अनुसार, सर्प बली यज्ञ आपके जन्म कुंडली में होनेवाली राहु / केतु दोषों और सर्प शाप को दूर कर सकती है और विवाह और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान दिलाती है।
मंदिर परंपरा के अनुसार, इस मंदिर में अभिषेक और अर्चना करने से काल सर्प दोष से, मांगलिक दोष से निवर्ति, राहु दोष से निवर्ति , कर्ज के बोझ से छुटकारा, शादी की बाधाओं से राहत दे सकता है और बाधाओं को दूर कर सकता है।
गरुड़ कावू एक केरल मंदिर है जहां सर्पों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए एक विशेष पूजा के लिए प्रसिद्ध है। गरुड़ सूक्त पुष्पांजलि पूजा का एक केरल शैली पूजा है जिसमें फूलों समर्पण किया जाता है। मंदिर की मान्यता के अनुसार, गरुड़ सूक्त मंत्र का जाप करने से त्वचा के रोग और सांस लेने की समस्या ठीक हो सकती है, विष या रोग के प्रभाव और पक्षियों के परेशानी से छुटकारा मिल सकता है|
मंदिर परंपरा के अनुसार, इस विशेष केरल शैली पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं, जन्म कुंडली में मौजूद राहु / केतु दोषों और सर्प दोषों को दूर करते हैं और विवाह और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं|
शक्ति स्थल परंपरा के अनुसार, नाग चतुर्थी और पंचमी के दिवस पर पांच पवित्र शक्तिस्थलों पर सर्प देवताओं को यह विशेष पूजा करने से आपको निम्नलिखित आशीर्वाद मिलने की संभावना है:
मंदिर परंपरा के अनुसार, गायों के दूध में मिश्रित चावल और हल्दी पाउडर के साथ इस विशेष अभिषेक पूजा को करने से आपको संतान प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मिल सकता है , कर्म प्रभाव कम हो सकते हैं, और राहु और केतु से उत्पन्न बाधाओं से निवारण मिल सकते हैं।

यह एक पारंपरिक प्रक्रिया है| नाग प्रतिमा की यह विशेष पूजा, नाग देवताओं को प्रसन्न करके आपके जीवन से सर्पदोषों का शमन कर सकती है| अभिमंत्रित प्रतिमाओं को या तो हमारे द्वारा शक्तिस्थल के पवित्र जल में विसर्जित किया जा सकता है या आपके अनुरोध अनुसार इस प्रतिमा को आप तक पहुँचाया जा सकता है ताकि आप अपने अनुकूल शक्तिस्थल पर इसे अर्पित कर सकें

ऐसा माना जाता है कि गरुड़ को पीला खीर चढ़ाने से समृद्धि बढ़ सकती है, नकारात्मकता दूर हो सकती है और बीमारी और पीड़ा से राहत मिलेगी|

मंदिर परंपरा के अनुसार, वासुगी सर्प को कदली फल (एक प्रकार के केले ) चढ़ाने से बीमारी और सर्प दोषों से निवारण मिलता है और पुत्र सम्पत दिला सकती है|

यह एक पारंपरिक धारणा है कि इन विशेष वस्तुओं का वैदिक ब्राह्मणों को दान करने से सर्प श्रापों को दूर करने में मदद कर सकता है

वैदिक ग्रंथों के अनुसार महाविष्णु सर्पों के स्वामी हैं| इस अनुष्ठान में भगवान विष्णु के मंदिर में स्थित पवित्र शक्तिशाली जलस्रोत में आपकी जन्मकुंडली का अध्यात्मिक शुद्धिकरण किया जाता है| जिससे आपकी जन्मकुंडली में मौजूद सर्पदोषों का नाश होता है|
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी पर सर्प दोष निवर्ति और सर्प देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें आह्वान करें।नाग चतुर्थी और नाग पंचमी (इसे गरुड पंचमी के नाम से भी जाना जाता है|) सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित पारंपरिक हिंदू त्योहार हैं। नाग बहुत शक्तिशाली, रहस्यमय प्राणियों के रूप में होते हैं जिन पर श्राप देने या श्राप को नष्ट करने की शक्ति होती है।
आप क्या प्राप्त करेंगे?
आपको पवित्र विभूति व लाल सिंदूर प्रदान किए जाएंगे। जो कि इस पवित्र अनुष्ठान द्वारा सिद्ध होंगे। इस पवित्र विभूति व सिंदूर को अपने मंदिर अथवा ध्यान कक्ष में रखें तथा अपनी दैनिक पूजा व ध्यान करने के समय इन्हें अपने मस्तक पर धारण करके दैवीय कृपा प्राप्त करें।
डॉ. पिल्लै केअनुसार
“ यह अनुष्ठान हमारे विचारों का कार्बनीकरण कर देता है। कार्बन हमारी सूचनाओं से सम्बंधित सूक्ष्म अनु कण होते हैं। इस कार्बनीकरण प्रक्रिया से प्राप्त पवित्र राख को प्रसाद स्वरुप दिया जाता है। इस प्रसाद स्वरूप पवित्र राख को मस्तक पर धारण करने से आपको दैवीय कृपा प्राप्त होतीहै।”
कृपया ध्यान: इस पूरी अनुष्ठान प्रक्रिया के उपरांत आपको दिया जाने वाला बालाजी चेहरा और प्रसाद एक सप्ताह के बाद चेन्नई (तमिलनाडु) से भेज दिया जाएगा। विदेशों में पहुँचाने हेतु कृपया हमें दो से चार हफ़्तों का समय दें।
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी पर सर्प दोष निवर्ति और सर्प देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें आह्वान करें।नाग चतुर्थी और नाग पंचमी (इसे गरुड पंचमी के नाम से भी जाना जाता है|) सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित पारंपरिक हिंदू त्योहार हैं। नाग बहुत शक्तिशाली, रहस्यमय प्राणियों के रूप में होते हैं जिन पर श्राप देने या श्राप को नष्ट करने की शक्ति होती है।
आप क्या प्राप्त करेंगे?
आपको पवित्र विभूति व लाल सिंदूर प्रदान किए जाएंगे। जो कि इस पवित्र अनुष्ठान द्वारा सिद्ध होंगे। इस पवित्र विभूति व सिंदूर को अपने मंदिर अथवा ध्यान कक्ष में रखें तथा अपनी दैनिक पूजा व ध्यान करने के समय इन्हें अपने मस्तक पर धारण करके दैवीय कृपा प्राप्त करें।
डॉ. पिल्लै केअनुसार
“ यह अनुष्ठान हमारे विचारों का कार्बनीकरण कर देता है। कार्बन हमारी सूचनाओं से सम्बंधित सूक्ष्म अनु कण होते हैं। इस कार्बनीकरण प्रक्रिया से प्राप्त पवित्र राख को प्रसाद स्वरुप दिया जाता है। इस प्रसाद स्वरूप पवित्र राख को मस्तक पर धारण करने से आपको दैवीय कृपा प्राप्त होतीहै।”
कृपया ध्यान दें: इस पूरी अनुष्ठान प्रक्रिया के उपरांत आपको दिया जाने वाला बालाजी चेहरा और प्रसाद एक सप्ताह के बाद चेन्नई (तमिलनाडु) से भेज दिया जाएगा। विदेशों में पहुँचाने हेतु कृपया हमें दो से चार हफ़्तों का समय दें।
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी पर सर्प दोष निवर्ति और सर्प देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें आह्वान करें।नाग चतुर्थी और नाग पंचमी (इसे गरुड पंचमी के नाम से भी जाना जाता है|) सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित पारंपरिक हिंदू त्योहार हैं। नाग बहुत शक्तिशाली, रहस्यमय प्राणियों के रूप में होते हैं जिन पर श्राप देने या श्राप को नष्ट करने की शक्ति होती है।
आप क्या प्राप्त करेंगे?
आपको पवित्र विभूति व लाल सिंदूर प्रदान किए जाएंगे। जो कि इस पवित्र अनुष्ठान द्वारा सिद्ध होंगे। इस पवित्र विभूति व सिंदूर को अपने मंदिर अथवा ध्यान कक्ष में रखें तथा अपनी दैनिक पूजा व ध्यान करने के समय इन्हें अपने मस्तक पर धारण करके दैवीय कृपा प्राप्त करें।
डॉ. पिल्लै केअनुसार
“ यह अनुष्ठान हमारे विचारों का कार्बनीकरण कर देता है। कार्बन हमारी सूचनाओं से सम्बंधित सूक्ष्म अनु कण होते हैं। इस कार्बनीकरण प्रक्रिया से प्राप्त पवित्र राख को प्रसाद स्वरुप दिया जाता है। इस प्रसाद स्वरूप पवित्र राख को मस्तक पर धारण करने से आपको दैवीय कृपा प्राप्त होती है।”
कृपया ध्यान दें: इस पूरी अनुष्ठान प्रक्रिया के उपरांत आपको दिया जाने वाला बालाजी चेहरा और प्रसाद एक सप्ताह के बाद चेन्नई (तमिलनाडु) से भेज दिया जाएगा। विदेशों में पहुँचाने हेतु कृपया हमें दो से चार हफ़्तों का समय दें।
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी पर सर्प दोष निवर्ति और सर्प देवताओं के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उन्हें आह्वान करें।नाग चतुर्थी और नाग पंचमी (इसे गरुड पंचमी के नाम से भी जाना जाता है|) सर्प देवताओं की पूजा के लिए समर्पित पारंपरिक हिंदू त्योहार हैं। नाग बहुत शक्तिशाली, रहस्यमय प्राणियों के रूप में होते हैं जिन पर श्राप देने या श्राप को नष्ट करने की शक्ति होती है।
आप क्या प्राप्त करेंगे?
आपको पवित्र विभूति व लाल सिंदूर प्रदान किए जाएंगे। जो कि इस पवित्र अनुष्ठान द्वारा सिद्ध होंगे। इस पवित्र विभूति व सिंदूर को अपने मंदिर अथवा ध्यान कक्ष में रखें तथा अपनी दैनिक पूजा व ध्यान करने के समय इन्हें अपने मस्तक पर धारण करके दैवीय कृपा प्राप्त करें।
डॉ. पिल्लै केअनुसार
“ यह अनुष्ठान हमारे विचारों का कार्बनीकरण कर देता है। कार्बन हमारी सूचनाओं से सम्बंधित सूक्ष्म अनु कण होते हैं। इस कार्बनीकरण प्रक्रिया से प्राप्त पवित्र राख को प्रसाद स्वरुप दिया जाता है। इस प्रसाद स्वरूप पवित्र राख को मस्तक पर धारण करने से आपको दैवीय कृपा प्राप्त होती है।”
कृपया ध्यान दें: इस पूरी अनुष्ठान प्रक्रिया के उपरांत आपको दिया जाने वाला बालाजी चेहरा और प्रसाद एक सप्ताह के बाद चेन्नई (तमिलनाडु) से भेज दिया जाएगा। विदेशों में पहुँचाने हेतु कृपया हमें दो से चार हफ़्तों का समय दें।
नाग चतुर्थी और नाग पंचमी पर केरल में अपनी व्यक्तिगत सर्प बली यज्ञ बुक करें| सर्प बली यज्ञ आपके जन्म कुंडली में होनेवाली राहु / केतु दोषों और सर्प शाप को दूर कर सकती है और विवाह और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान दिलाती है।
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