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सर्प दोष

सर्प दोष क्या है और यह हमें कैसे प्रभावित करता है, जानिए सरल उपाय

प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि मुनियों को इस बात ज्ञान था कि आकाष में मौजूद ग्रह नक्षत्र किसी न किसी तरह मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। हमारे जन्म के समय इन ग्रह नक्षत्रों की जो स्थिति होत है हम उसे ही जन्म कुंडली के नाम से जानते हैं। आपके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति आपके आने वाले जीवन को खुषहाली या परेषानियों से भर सकती है। जन्म कुंडली में मौजूद किसी दोष के कारण आपको अपने जीवन में कई तरह की परेषानियों और अनियमितताओं का सामना करना पड़ सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडलियों में ग्रह स्थिति के आधार पर कई तरह के दोष पाए जाते हैं। इन्ही दोष में से एक है, सर्प दोष जिसे हम काल सर्प दोष के नाम से भी जानते है। आगे हम सर्प दोष के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे और जानेंगे कि सर्प दोष क्या है? सर्प दोष के नुकसान और साथ ही जानेंगे कि कुंडली में सर्प दोष कैसे देखें इसी के साथ हम आपको सर्प दोष के उपाय भी बताएंगे।

सर्प दोष क्या है?

सर्प दोष को कालसर्प दोष या नाग दोष भी कहा जाता है। यह दोष तब होता है जब पिछले जन्म में आपके द्वारा नाग देवता को अत्यधिक क्रोधित कर दिया जाता है। कुंडली में राहु और केतु को सर्प के दो हिस्सों राहु सिर, और केतु को सर्प की पूछ के रूप में देखा जाता है।
सर्प दोष एक हानिकारक दोष है और यह इंगित करता है कि इस दोष से पीड़ित व्यक्ति ने अपने पिछले जन्म में सांपों के खिलाफ हिंसा की होगी।

कालत्र दोष

कुंडली में सर्प दोष कैसे देखें

किसी कुंडली में सर्प दोष या नागा दोष तब बनता है जब राहु दूसरे घर में हो और केतु आठवें घर में हो, या जब राहु पहले घर में हो और केतु लग्न या चंद्र राशि से सातवें घर में हो।
वैसे सर्प दोष के बारे में एक रोचक बात यह है कि यह हर छठी कुंडली में बनता है। इसका कारण यह है कि राहु और केतु सदैव एक दूसरे से 180 डिग्री की दूरी पर होते हैं।

सर्प दोष के लक्षण

कुंडली में सर्प दोष होने पर व्यक्ति को निम्न परेषानियों का सामना करना पड़ सकता है।

  • सर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को अपने जीवन में कई तरह के संघर्ष देखने को मिलेंगे।
  • ऐसे व्यक्ति का स्वास्थ्य सदैव खराब रहता है
  • उनकी उम्र कम होती है।
  • वैवाहिक जीवन दुखों से भरा होता है, जिससे कलह और तलाक जैसी परेषानियों का सामना करना पड़ता है।
  • व्यवसाय अथवा पेशेवर मोर्चे पर अस्थिरता।
  • आर्थिक नुकसान हो सकता है।
  • प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है।
  • यह जीवन की सकारात्मक चीजों को भी प्रभावित करता है।
  • मानसिक परेशानी हो सकती है।

सर्प दोष के उपचार

यदि आप सर्प दोष से पीड़ित हैं तो आपको नीचे दिए गए इन सरल उपायों का उपयोग करना चाहिए।

  • दिन में कम से कम 108 बार पंचाक्षरी मंत्र यानी ओम नमः शिवाय का जाप करें।
  • प्रतिदिन कम से कम 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • संभव हो तो प्रत्येक अमावस्या को पितरों को तर्पण करें।
  • शनिवार को नाग देवताओं के लिए दूध रखें और नाग पंचमी के दिन विशेष रूप से नाग देवता की पूजा करें।
  • शनिवार या नाग पंचमी के दिन किसी भी शिव मंदिर में चांदी से बनी नाग मूर्ति दान करें।
  • राहु केतु के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें,
    राहु बीज मंत्र – ओम श्री राहे नमः
    केतु बीज मंत्र – ओम श्री केतवे नमः।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का जाप करें।
  • सर्प दोष को दूर करने के लिए होम करने की भी सिफारिश की जाती है
सर्प दोष को दूर करने के लिए इन यज्ञों की सिफारिश की जाती है।
भव्य उरगराज महामंत्र यज्ञ
भव्य उरगराज महामंत्र यज्ञ

भव्य उरगराज महा मंत्र होम (सर्प कष्ट निवारण के लिए यज्ञ)

एस्ट्रोवेद के दोष उपचारात्मक पूजा अनुष्ठान

हमारे विशेषज्ञ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा आपकी निजी कुंडली का गहन विश्लेषण कर ग्रह, उनकी स्थिति और दषा महादशा के आधार पर अनूठे व्यक्तिगत उपाय सुझाए जाते हैं। इन उपायों में यज्ञ व हवन शालाओं सहित कई तरह के अनुष्ठान और पूजाएं शामिल है। उपरोक्त पूजा अनुष्ठान और हवन यज्ञों के लिए आपकी कुंडली के आधार पर ही विशेष समय का चयन किया जाता है, जिससे आपके जीवन को प्रभावित करने वाले दोषों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिल सके।