प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि मुनियों को इस बात ज्ञान था कि आकाष में मौजूद ग्रह नक्षत्र किसी न किसी तरह मानव जीवन को प्रभावित करते हैं। हमारे जन्म के समय इन ग्रह नक्षत्रों की जो स्थिति होत है हम उसे ही जन्म कुंडली के नाम से जानते हैं। आपके जन्म के समय ग्रहों की स्थिति आपके आने वाले जीवन को खुषहाली या परेषानियों से भर सकती है। जन्म कुंडली में मौजूद किसी दोष के कारण आपको अपने जीवन में कई तरह की परेषानियों और अनियमितताओं का सामना करना पड़ सकता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडलियों में ग्रह स्थिति के आधार पर कई तरह के दोष पाए जाते हैं। इन्ही दोष में से एक है, सर्प दोष जिसे हम काल सर्प दोष के नाम से भी जानते है। आगे हम सर्प दोष के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे और जानेंगे कि सर्प दोष क्या है? सर्प दोष के नुकसान और साथ ही जानेंगे कि कुंडली में सर्प दोष कैसे देखें इसी के साथ हम आपको सर्प दोष के उपाय भी बताएंगे।
सर्प दोष को कालसर्प दोष या नाग दोष भी कहा जाता है। यह दोष तब होता है जब पिछले जन्म में आपके द्वारा नाग देवता को अत्यधिक क्रोधित कर दिया जाता है। कुंडली में राहु और केतु को सर्प के दो हिस्सों राहु सिर, और केतु को सर्प की पूछ के रूप में देखा जाता है।
सर्प दोष एक हानिकारक दोष है और यह इंगित करता है कि इस दोष से पीड़ित व्यक्ति ने अपने पिछले जन्म में सांपों के खिलाफ हिंसा की होगी।
किसी कुंडली में सर्प दोष या नागा दोष तब बनता है जब राहु दूसरे घर में हो और केतु आठवें घर में हो, या जब राहु पहले घर में हो और केतु लग्न या चंद्र राशि से सातवें घर में हो।
वैसे सर्प दोष के बारे में एक रोचक बात यह है कि यह हर छठी कुंडली में बनता है। इसका कारण यह है कि राहु और केतु सदैव एक दूसरे से 180 डिग्री की दूरी पर होते हैं।
कुंडली में सर्प दोष होने पर व्यक्ति को निम्न परेषानियों का सामना करना पड़ सकता है।
यदि आप सर्प दोष से पीड़ित हैं तो आपको नीचे दिए गए इन सरल उपायों का उपयोग करना चाहिए।
भव्य उरगराज महा मंत्र होम (सर्प कष्ट निवारण के लिए यज्ञ)
सुदर्शन होम
रुद्र होम
हमारे विशेषज्ञ वैदिक ज्योतिषियों द्वारा आपकी निजी कुंडली का गहन विश्लेषण कर ग्रह, उनकी स्थिति और दषा महादशा के आधार पर अनूठे व्यक्तिगत उपाय सुझाए जाते हैं। इन उपायों में यज्ञ व हवन शालाओं सहित कई तरह के अनुष्ठान और पूजाएं शामिल है। उपरोक्त पूजा अनुष्ठान और हवन यज्ञों के लिए आपकी कुंडली के आधार पर ही विशेष समय का चयन किया जाता है, जिससे आपके जीवन को प्रभावित करने वाले दोषों के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने में मदद मिल सके।